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रिम्स में 30 रुपये में लगेगा कृत्रिम दांत

रांची : रिम्स में 30 रुपये में मरीजों को कृत्रिम दांत लगाया जा सकता है. ऐसा तभी संभव है, जब डेंटल कॉलेज में डेंटल लैब की स्थापना कर दी जाये. यह बातें डेंटल कॉलेज के प्राचार्य डॉ पंकज गोयल ने कही. उन्होंने बताया कि अभी डेंटल कॉलेज में डेंटल लैब नहीं है, जिसके कारण हम […]

रांची : रिम्स में 30 रुपये में मरीजों को कृत्रिम दांत लगाया जा सकता है. ऐसा तभी संभव है, जब डेंटल कॉलेज में डेंटल लैब की स्थापना कर दी जाये. यह बातें डेंटल कॉलेज के प्राचार्य डॉ पंकज गोयल ने कही. उन्होंने बताया कि अभी डेंटल कॉलेज में डेंटल लैब नहीं है, जिसके कारण हम कृत्रिम दांत मरीजों को नहीं लगा पा रहे हैं. रिम्स प्रबंधन अगर डेंटल लैब को आउटसोर्सिंग कर दे, तो मरीजों को हम कृत्रिम दांत लगाना शुरू कर देंगे. अाउटसोर्सिंग डेंटल लैब वाले एक दांत 30 रुपये में उपलब्ध करा देते हैं. रिम्स की शासी परिषद की बैठक में अाउटसोर्सिंग का प्रस्ताव दिया गया था. शनिवार को स्वास्थ्य मंत्री के समक्ष भी हमने प्रस्ताव रखा है. उन्होंने आश्वासन दिया है कि रिम्स निदेशक से बात कर सकारात्मक निर्णय लेंगे.
निजी क्लिनिक में एक दांत 500 रुपये में लगता है : डॉ गोयल ने बताया कि निजी डेंटल क्लिनिक में एक कृत्रिम दांत के लिए मरीजों से 500 रुपये तक वसूले जाते हैं, जबकि डेंटल क्लिनिक 30 रुपये से भी कम कीमत में एक दांत की खरीदारी करता है. क्लिनिक वाले परामर्श फीस भी लेते हैं, जबकि रिम्स में सिर्फ पांच रुपये में मरीजों को देखा जाता है.
दंत रोगों की नीति तैयार करने के लिए सर्वेक्षण करेगा रिम्स
राज्य का सबसे बड़ा अस्पताल रिम्स दांत के रोगाें से संबंधित नीति तैयार करेगा. नीति तैयार कराने के लिए रिम्स डेंटल कॉलेज के चिकित्सक राज्य के ग्रामीण क्षेत्र में जाकर मरीजों की जांच करेंगे. जांच के बाद बीमारी का आंकड़ा तैयार किया जायेगा. शनिवार को दांत का इलाज कराने रिम्स पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी को डेंटल कॉलेज के प्राचार्य डॉ पंकज गोयल ने यह प्रस्ताव दिया. डॉ गोयल ने अपने प्रस्ताव में बताया कि राज्य में ओरल डिजीज के लिए कोई नीति नहीं है. सर्वेक्षण और नीति बनाने में एक वर्ष का समय लगेगा. इसके बाद स्पष्ट नीति तैयार हो जायेगी. स्वास्थ्य मंत्री ने प्राचार्य डॉ गोयल के सुझाव की प्रशंसा की और शीघ्र ही इस संबंध में निर्देश जारी करने का आश्वासन दिया.
केंद्र सरकार द्वारा ओरल डिजीज कार्यक्रम चलाया जा रहा है. मैं इस कार्यक्रम का सदस्य रहा हूं़ पिछली बार देश के सभी राज्यों का आंकड़ा तैयार किया गया था, लेकिन झारखंड-बिहार का कोई आंकड़ा नहीं मिला था. स्वास्थ्य मंत्री काे इसका प्रस्ताव दिया गया है. अगर वह निर्देश देते हैं, तो हमारे चिकित्सक इसके लिए तैयार हैं.
डॉ पंकज गोयल, प्राचार्य, डेंटल कॉलेज

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