घोटाला: खूंटी जिले के फुदी पंचायत के सोशल ऑडिट के दौरान पकड़ में आया मामला, 300 की कुरसी 600 में खरीदी, ढुलाई भी ‍Rs 300

रांची : खूंटी जिले के फुदी पंचायत में 300 रुपये की प्लास्टिक की कुरसी 600 रुपये के हिसाब से खरीदी गयी है. साथ ही एक एक कुरसी की ढुलाई के लिए सप्लायर को 300 रुपये का भुगतान किया गया है. कुरसी की खरीद का यह मामला पंचायत के कामकाज के सोशल ऑडिट के दौरान पकड़ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 11, 2017 7:03 AM
रांची : खूंटी जिले के फुदी पंचायत में 300 रुपये की प्लास्टिक की कुरसी 600 रुपये के हिसाब से खरीदी गयी है. साथ ही एक एक कुरसी की ढुलाई के लिए सप्लायर को 300 रुपये का भुगतान किया गया है. कुरसी की खरीद का यह मामला पंचायत के कामकाज के सोशल ऑडिट के दौरान पकड़ में आया है. कुरसी की आपूर्ति रांची के सुषमा इंटरप्राइजेज ने की है.

जिले के बारूडीह पंचायत में इससे पहले भी इस सप्लायर द्वारा गड़बड़ी की जा चुकी है. फुदी पंचायत के सोशल ऑडिट के दौरान ग्रामीणों ने प्लास्टिक की कुरसी खरीद में गड़बड़ी की शिकायत की. ग्रामीणों की शिकायतों के आधार पर कुरसी खरीद से संबंधित कागजात की जांच की गयी. इसमें पाया गया कि 14 वें वित्त आयोग की अनुशंसा के आलोक में मिली राशि से कुरसी खरीदने का फैसला किया गया. पंचायत के पदाधिकारियों ने आवश्यक प्रक्रिया पूरी किये बिना ही रांची के सुषमा इंटरप्राइजेज को 61 कुरसी आपूर्ति करने का आदेश दिया.


पंचायत ने 600 रुपये की दर से प्लास्टिक की कुरसी आपूर्ति करने का आदेश दिया. बाजार में प्लास्टिक की इस कुरसी की कीमत 250-300 रुपये अधिकतम है. पंचायत ने बाजार से दोगुना कीमत पर कुरसी खरीदने के साथ ही प्रति कुरसी 300 रुपये की दर से ढुलाई का भी भुगतान किया. सप्लायर के बिल की जांच के दौरान पाया गया कि उसने 61 कुरसियों की ढुलाई के लिए 18600 रुपये का भुगतान लिया. सप्लायर ने 14.5 प्रतिशत की दर से वैट की भी वसूली की.

इस मद में उसने पंचायत से 5307 रुपये का भुगतान लिया. इस तरह 300 रुपये की एक कुरसी पंचायत ने 980 रुपये में खरीदी. कुरसी खरीद के इस मामले के पकड़ में आने के बाद इस कंपनी द्वारा पूरे जिले में की गयी आपूर्ति की जांच की अनुशंसा की गयी है. इस कंपनी द्वारा गड़बड़ी करने का मामले इससे पहले बारूडीह पंचायत में पकड़ में आया था. इसी आपूर्तिकर्ता ने जिले के बारूडी़ह पंचायत में मार्च 2016 में 7.54 लाख रुपये की लागत से 24 सोलर लाइट की आपूर्ति की थी. जांच के दौरान किसी भी सोलर लाइट के काम नहीं करने की बात सामने आयी थी. दिसंबर 2016 में इस सप्लायर ने पंपों की आपूर्ति की थी. जांच के दौरान पंप के भी काम नहीं करने का बात सामने आयी थी.

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