दैवीय चमत्कार है कुरान का अवतरण-11

डॉ शाहिद हसन पारा:6 के कुछ प्रमुख संदेश सूरा : 4 अल-निशा (148-176) – इस सूरा: में भी मरियम का जिक्र है और हजरत ईसा (अ) के बारे में इस सूरा: में अल्लाह का फरमान है कि यहूदी ईसा (अ) को मारने में कामयाब नहीं हुए, बल्कि अल्लाह ने उन्हें जिंदा आसमान में उठा लिया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 12, 2017 10:10 AM
डॉ शाहिद हसन
पारा:6 के कुछ प्रमुख संदेश
सूरा : 4 अल-निशा (148-176) – इस सूरा: में भी मरियम का जिक्र है और हजरत ईसा (अ) के बारे में इस सूरा: में अल्लाह का फरमान है कि यहूदी ईसा (अ) को मारने में कामयाब नहीं हुए, बल्कि अल्लाह ने उन्हें जिंदा आसमान में उठा लिया और उनसे मिलती-जुलती शक्ल वाले बंदे को ईसा समझ कर सूली पर चढ़ा दिया गया.
सूरा: 5 अल मायेद (1-81) सुरतुल मायेद में कुरान की अंतिम आयत भी है, जिसमें कहा गया है कि आज मैंने तुम्हारे लिए तुम्हारे दीन-धर्म को मुकम्मल (पूरा) कर दिया और तुम पर अपनी नेमतें पूरी कर दी और तुम्हारे लिए इसलाम दीन को पसंद कर लिया. इस सूरा: में इंसानों के लिए 18 नियम और कानून की व्याख्या की, जो कुरान में दूसरी जगह नहीं मिलती. सूरा: के आरंभ में ही चौपाया जानवरों के मांस को खाने की इजाजत दी गयी और कुछ चौपाया जानवरों के मांस खाने की मनाही की गयी है.
मरे हुए जानवरों के मांस, खून, सूअर, नाखून और तेज दांत और पंचे से नोच कर खाने वाले मांसाहारी पशु, अल्लाह के सिवा किसी दूसरे कानाम लेकर मारा गया जानवर-सभी के मांस वर्जित है और सभी पाक चीजें मुसलमानों के लिए हलाल कर दी गयी और अहले किताब (यहूदी और ईसाई) का जबीहा तुम्हारे लिए हलाल है. आयत (5:8) में कहा गया है कि ऐ ईमानवालों, अल्लाह के लिए सच पर मजबूत, इंसाफ पर गवाह हो जाओ और किसी कौम की दुश्मनी तुम्हें इंसाफ न करने पर तैयार न करे. इंसाफ करो. वह परहेजगारी से बहुत करीब है और अल्लाह से डरो. बेशक अल्लाह तुम्हारे कर्मों से बाखबर (अवगत) है. इसी सूरा: में वजू (वुदु-एबलूशन) से संबंधित हिदायत दी गयी है और गुस्ल (स्नान) से संबंधित संदेश दिये गये हैं.

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