रांची : पिठोरिया के सिमलबेड़ा निवासी किसान कलेश्वर महतो के आत्महत्या मामले की जांच के लिए जिला प्रशासन द्वारा गठित जांच टीम ने सोमवार को देर रात अपनी रिपोर्ट उपायुक्त को साैंप दी. मामले की उच्चस्तरीय जांच की अनुशंसा की गयी है. जांच टीम का नेतृत्व रांची के सदर एसडीअो भोर सिंह यादव थे. टीम में पुलिस अधीक्षक मुख्यालय प्रथम अमित कुमार कच्छप, जिला कृषि पदाधिकारी विकास कुमार व अग्रणी जिला प्रबंधक हरीश कक्कड़ शामिल थे.
टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि विभिन्न बिंदुअों के आधार पर आैर जांच स्थल की परिस्थितियों का अवलोकन करने से यह स्पष्ट होता है कि यह अप्राकृतिक मृत्यु (यूडी) का केस है, जिसमें मृत्यु के कारण स्पष्ट नहीं है. क्योंकि मृत शरीर घर लाने के बाद दो-तीन घंटे के अंदर ही बिना सभी रिश्तेदारों के आये, पांच किमी दूर नलकाारी नदी के किनारे दाह संस्कार कर दिया गया. पुलिस से ठीक-ठाक संबंध होने के बाद भी टीअोपी को बिल्कुल सूचना न देना, मृत्यु की परिस्थिति को संदेहास्पद बना देता है.
बैंक अधिकारियों ने बताया कि कलेश्वर महतो का केसीसी एकाउंट वर्ष 2009 में ही बंद हो चुका है. उस पर बैंक अॉफ इंडिया का कोई लोन नहीं है. उनकी पत्नी मनोरमा देवी के नाम पर एक केसीसी लोन है, जो सामान्य है आैर एनपीए नहीं है. बैंक से कोई नोटिस नहीं दिया गया है आैर न ही रिकवरी के लिए बैंक से कोई उनके घर गया है. सुसाइड नोट पर लिखा है 10 जून 2017 आैर समय शाम चार बजे दर्ज है, जबकि कलेश्वर महतो की मृत्यु सुबह आठ से 11 बजे के बीच हुई है. इतनी बड़ी घटना हो जाने की सूचना टीअोपी को नहीं होना संदेह पैदा करता है.
ऐसे में स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है कि मृत्यु किन परिस्थितियों में हुई है. इसके लिए उच्चस्तरीय जांच के लिए कराने से संबंधित निर्णय लेने की अनुशंसा उपायुक्त से की गयी है.