निर्देश: स्वास्थ्य मंत्री ने विभागीय सचिव से कहाजिनके तेल में मिलावट पायी गयी है, उन पर दर्ज करें केस

स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि सरसों तेल में मिलावट करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी. फूड डिपार्टमेंट से रिपोर्ट मांगी गयी है. विभागीय सचिव को उन्होंने कहा कि है कि जिनके सैंपल में मिलावट पायी गयी है, उनके खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई करें. दोषी किसी भी सूरत में बचना नहीं चाहिए. रांची: […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 14, 2017 6:54 AM
स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि सरसों तेल में मिलावट करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी. फूड डिपार्टमेंट से रिपोर्ट मांगी गयी है. विभागीय सचिव को उन्होंने कहा कि है कि जिनके सैंपल में मिलावट पायी गयी है, उनके खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई करें. दोषी किसी भी सूरत में बचना नहीं चाहिए.
रांची: स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती. इसके मद्देनजर उन्होंने स्वास्थ्य सचिव को निर्देश दिया है कि वे सभी प्रकार के खाद्यान्नों के सैंपलों की जांच शुरू करायें.

इधर, रांची के एसीएमओ कार्यालय द्वारा अबतक सरसों तेल के 15 सैंपल लिये गये हैं, जिसे जांच के लिए स्टेट फूड लैब में भेजा गया है. अब तक सात की जांच हुई है. सातों में मिलावट पायी गयी है. स्टेट फूड लैब में हर दिन दो से तीन सैंपल की जांच हो रही है. गौरतलब है कि जब्ती के 14 दिनों में जांच रिपोर्ट दी जानी है. रांची के सिविल सर्जन शिवशंकर हरिजन ने कहा कि डीसी से बात कर पहले सबको नोटिस देकर जवाब मांगा जायेगा. जिन लोगों ने मिलावट की है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.
सात वर्ष तक सजा का है प्रावधान : फूड सेफ्टी एंड स्टैंडराइजेशन एक्ट 2006 के तहत खाद्यान्नों में मिलावट पाये जाने पर दोषियों को सात वर्ष तक जेल की सजा का प्रावधान है. इसके लिए जिले को अधिकारी द्वारा पहले आरोपी को नोटिस दिया जाता है. 40 दिनों नोटिस का जवाब न मिलने पर कोर्ट में केस किया जाता है. नोटिस के जवाब के अनुरूप जिला के अधिकारी अग्रेतर कार्रवाई करते हैं.
घर में भी कर सकते हैं मिलावट की जांच
रांची. खाद्य तेलों में मिलावट की जांच घर में भी की जा सकती है. राज्य के खाद्य विश्लेषक चतुर्भुज मीणा ने कहा कि एक सामान्य टेस्ट से लोग यह पता कर सकते हैं कि तेल में मिलावट है या नहीं. उन्होंने एक सामान्य टेस्ट भी करके दिखाया. उन्होंने सरसों तेल के दो सैंपल लिये. एक सैंपल को लगभग 10 मिली की मात्रा को टेस्ट ट्यूब में डाला. टेस्ट ट्यूब में फिर हाइड्रोक्लोरिक एसिड की एक बूंद डाली. इसके बाद टेस्ट ट्यूब को हिलाया. तेल का रंग लाल हो गया. उन्होंने कहा कि इस तेल में मिलावट है. फिर उन्होंने एक बड़ी कंपनी के पाउच से सैंपल लिया. उसमें भी यही प्रक्रिया की गयी. पर तेल का रंग पीला ही रहा. उन्होंने बताया कि यह तेल असली है. आमलोग भी हाइड्रो क्लोरिक एसिड लेकर घर में शीशे के गिलास में यह टेस्ट कर सकते हैं. हाइड्रो क्लोरिक एसिड सामान्यत: किसी भी केमिकल या खाद-बीज की दुकान में मिल जाता है. उन्होंने बताया कि खाने वाली घी में भी मिलावट की शिकायत मिलती रहती है. इसका भी टेस्ट किया जा सकता है. घी को एक बरतन में रखकर गरम करें. यदि नकली होगा, ताे घी की सुगंध गायब हो जायेगी. असली घी की सुगंध रसोई में आने लगेगी.
मेरे तेल में मिलावट नहीं : छापड़िया
छापड़िया ट्रेडर्स के बबलू छापड़िया ने दावा किया है कि उनके प्रतिष्ठान के सरसों तेल में मिलावट नहीं है. वे सिर्फ ब्रांडेड कंपनियों का ही तेल बेचते हैं. जिन सैंपल की जांच रिपोर्ट आयी है, वह उनकी दुकान के नहीं हैं. उनका कहना है कि उनकी दुकान से 11 जून को आठ सैंपल जब्त किये गये हैं, जिसकी जांच अभी की जा रही है.

Next Article

Exit mobile version