झालसा मुख्यालय में न्याय सहयोग का उदघाटन, जस्टिस दीपक मिश्रा बोले दिल को जो छूता है, वही काम आता है
रांची : संताल परगना के बच्चों ने स्वागत में गीत गाया. क्या आप लोग गीत समझे. समझने का कोई प्रयास किया. मैने जो थोड़ा समझा है, उस गीत में भाव है, अपनत्व है. वह दिल को छूता है. दिल को जो छूता है, वही काम आता है. इसका मर्म, इसका अर्थ जानने की कोशिश करनी […]
रांची : संताल परगना के बच्चों ने स्वागत में गीत गाया. क्या आप लोग गीत समझे. समझने का कोई प्रयास किया. मैने जो थोड़ा समझा है, उस गीत में भाव है, अपनत्व है. वह दिल को छूता है. दिल को जो छूता है, वही काम आता है. इसका मर्म, इसका अर्थ जानने की कोशिश करनी चाहिए. नेक काम करने की सोच रखनी चाहिए. झारखंड में झारखंड स्टेट लीगल सर्विसेज अॉथोरिटी (झालसा) ने न्याय सहयोग खोल कर आज नेक काम किया है. न्याय सहयोग में भटके हुए लोग तो नहीं, लेकिन जरूरतमंद जरूर दस्तक देंगे.
उक्त बातें सुप्रीम कोर्ट के वरीयतम न्यायाधीश व नालसा के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस दीपक मिश्रा ने कही. बताैर मुख्य अतिथि जस्टिस मिश्रा शनिवार को झालसा के न्याय सदन सभागार में आयोजित स्टेट लेवल ट्रेनिंग प्रोग्राम फॉर लीगल सर्विस लॉयर्स ऑफ झारखंड अंडर द नालसा मॉड्यूल पार्ट-2 को नामक कार्यक्रम का उदघाटन कर रहे थे. जस्टिस मिश्रा ने कहा कि जो व्यक्ति सवाल नहीं करता है, यह मान कर चलना चाहिए कि वह अधूरा है. देश भर में अब तक चार न्याय सहयोग खोला गया है. इसमें दिल्ली, अहमदाबाद, लखनऊ व रांची शामिल हैं. कहा कि पैनल लॉयर्स सर्विस के प्रति कमिटमेंट रखें. पीएलवी लीगल फोर्स हैं. झारखंड में इसकी संख्या बढ़ायी जायेगी.
इससे पूर्व झारखंड हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस डीएन पटेल ने कहा कि पिछले वर्ष 10 दिसंबर को जस्टिस मिश्रा ने एक साथ 500 स्कूलों में लीगल लिटरेसी क्लब का उदघाटन किया था. यह देश में पहली घटना है, जो लिम्का बुक अॉफ रिकार्ड में दर्ज हुआ था. जस्टिस अपरेश कुमार सिंह व जस्टिस एचसी मिश्रा ने भी विचार रखे़ जस्टिस मिश्रा ने झालसा के न्यूज लेटर का विमोचन किया. न्याय सदन में आयोजित कार्यक्रम में जस्टिस मिश्रा ने लोगों को हिंदी में संबोधित िकया़ कहा कि मैं लोगों से जुड़ने आया हूं.
पीएलवी को नियुक्ति पत्र
प्रतीकात्मक रूप से कुछ नवनियुक्त पीएलवी को जस्टिस दीपक मिश्रा ने नियुक्ति पत्र, पहचान कार्ड व ड्रेस साैंपा. इसमें गोड्डा की पीएलवी अंजला टुडू, देवघर की सुनीता टुडू, दुमका के अविनाश हेंमरोम, देवघर की सुनीता हांसदा, पाकुड़ की आशा मुरमू, साहेबगंज की वंदना मुरमू आदि शामिल हैं.
जरूरतमंद खुद को असहाय नहीं समझें
जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा है कि देश के जरूरतमंद व्यक्ति खुद को कभी असहाय नहीं समझें. आपकी सहायता के लिए न्यायपालिका है. नालसा व राज्य प्राधिकारों के माध्यम से जरूरतमंद व्यक्तियों तक कानूनी सहायता पहुंचायी जा रही है. नालसा ने नीतिगत फैसला लिया है. देश में चार जगहों पर लीगल असिस्टेंस स्टेबलिशमेंट खोला गया है. पहला दिल्ली में न्याय संयोग, लखनऊ में न्याय संपर्क, गुजरात के अहमदाबाद में न्याय संपर्क व अब झारखंड में न्याय सहयोग के नाम से इसे स्थापित किया गया है. लोगों के लिए एक्सेस टू जस्टिस को आसान बनाना इसका एकमात्र उद्देश्य है. जस्टिस मिश्रा शनिवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे.