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मशीनों की कमाई का हिस्सा वोटरों के खाते में डाला जाये : भरत गांधी
रांची : राजनीतिक सुधारक भरत गांधी ने कहा कि देश को राजनीतिक आजादी तो मिल गयी है, लेकिन अब तक आर्थिक आजादी नहीं मिली है. आर्थिक आजादी लागू करने के लिए संसद से वोटरशिप बिल लागू कराना चाहिए. देश में बेरोजगारी विकराल रूप ले चुकी है. लोकतंत्र के नाम पर मानवता कराह रही है. ऐसे […]
रांची : राजनीतिक सुधारक भरत गांधी ने कहा कि देश को राजनीतिक आजादी तो मिल गयी है, लेकिन अब तक आर्थिक आजादी नहीं मिली है. आर्थिक आजादी लागू करने के लिए संसद से वोटरशिप बिल लागू कराना चाहिए. देश में बेरोजगारी विकराल रूप ले चुकी है. लोकतंत्र के नाम पर मानवता कराह रही है.
ऐसे में मशीनों की कमाई का हिस्सा वोटरों के खाते में डालना जरूरी हो गया है. श्री गांधी रविवार को विधानसभा सभागार में झारखंड जनक्रांति मोरचा की ओर से आयोजित राजनीतिक सुधारकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि डब्ल्यूटीओ एग्रीमेंट के बाद से विश्व में बेरोजगारी बढ़ी है. बेरोजगारी की समस्या मशीनों से जुड़ी है. पढ़े-लिखे का काम कंप्यूटर व अनपढ़ का काम ट्रैक्टर खा गये. अब रोजगार के अवसर नहीं हैं. बेरोजगारी को दूर करने का सबसे अच्छा तरीका है कि मशीनों की कमाई का हिस्सा वोटरों के खाते में डाल दिया जाये.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, मशीन और आदमी की कुल कमाई प्रति वोटर लगभग 11680 रुपये है. इसमें आदमी व मशीन की कमाई का अनुपात 1:49 होता है. ऐसे में सरकार देश के 82 करोड़ वोटरों के खाते में मशीनों की कमाई के हिस्से की राशि लगभग 9500 रुपये डाले. ऐसा होने से नरसंहार, हत्या, लूट व भ्रष्टाचार समाप्त हो जायेगा. सरकार बेरोजगारों से समाज सेवा का काम ले सकती है.
श्री गांधी ने कहा कि वोटरशिप बिल पर संसद में छह मई 2008 को बहस होनी थी, लेकिन साजिश के तहत सदन की कार्यवाही पहले ही समाप्त करा दी गयी. वोटरशिप बिल आर्थिक गुलामी को खत्म करने का सशक्त माध्यम हो सकता है.
उन्होंने कहा कि इनसान की जिंदगी में पैसे की वही स्थिति है, जो पौधे के लिए जमीन की. सरकार के पास रोजगार की कमी है, पैसे की नहीं. कार्यक्रम में जनक्रांति मोरचा के केंद्रीय अध्यक्ष अमरेंद्र कुमार, उपाध्यक्ष शिवाजी शर्मा, महासचिव मनोज कुमार, चंद्र देव नारायण सिंह, प्रवक्ता दिनेश, बोकारो के जिलाध्यक्ष दीन दयाल शर्मा समेत विभिन्न जिलों से आये कार्यकर्ता शामिल थे.
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