विदेश मंत्रालय की अनुमति की आस में लटका गंगा पुल का काम
रांची : साहेबगंज गंगा पुल का काम विदेश मंत्रालय की अनुमति की आस में लटका हुआ है. यह काम चीनी-इंडो कंपनी सोना टेक को मिला है. इसकी अनुमति विदेश मंत्रालय से लेनी है. बिना अनुमति के काम शुरू नहीं हो पा रहा है. जानकारी के मुताबिक इस ज्वायंट वेंचर वाली कंपनी में चाइनिज कंपनी की […]
रांची : साहेबगंज गंगा पुल का काम विदेश मंत्रालय की अनुमति की आस में लटका हुआ है. यह काम चीनी-इंडो कंपनी सोना टेक को मिला है. इसकी अनुमति विदेश मंत्रालय से लेनी है. बिना अनुमति के काम शुरू नहीं हो पा रहा है. जानकारी के मुताबिक इस ज्वायंट वेंचर वाली कंपनी में चाइनिज कंपनी की अधिक हिस्सेदारी है, इसलिए इसकी अनुमति आवश्यक बतायी जा रही है.
अनुमति मांगे भी पांच माह हो गये हैं. अनुमति के बाद ही कंपनी को वर्क कांट्रेक्ट मिलेगा. इसके बाद ही काम शुरू हो सकेगा. हालांकि, राज्य सरकार के अफसर लगातार विदेश मंत्रालय से संपर्क कर रहे हैं. जानकारी के मुताबिक छह अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साहेबगंज में गंगा पुल निर्माण कार्य का शिलान्यास किया था. इधर, मुख्यमंत्री रघुवर दास ने काम में देरी से केंद्रीय सड़क, परिवहन व जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी को अवगत कराया है. उनसे क्लीयरेंस दिलाने का आग्रह किया है.
बिहार और झारखंड को जोड़ेगा यह पुल : गंगा पुल का निर्माण करीब 2266 करोड़ में होगा. इसे फोर लेन का बनाया जायेगा, जो साहेबगंज से शुरू होकर मनिहारी को पार करते हुए नारायणपुर तक जायेगा. यह झारखंड और बिहार को जोड़ेगा. वहीं, उत्तर-पूर्वी राज्य भी जाना आसान हो जायेगा. इसका निर्माण एनएचएआइ के माध्यम से कराया जा रहा है. इसकी लंबाई 21.9 किमी होगी. इसे पूरा करने के लिए साढ़े चार साल का समय तय किया गया है.