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जमीन ही कुड़ुख जीवन की रीढ़ : चोन्हस किंडो

रांची : कुड़ुख संवसे राजी पड़हा (कुड़ुख नेशनल काउंसिल) का सेमिनार रविवार को वाटिका बैंक्वेट हॉल, हिनू में हुआ़ इसमें कुड़ुख अस्तित्व व पहचान विषय पर चर्चा की गयी़ चोन्हस किंडो ने कहा कि जमीन ही कुड़ुख जीवन की रीढ़ है़ इसके बिना हम सीधे नहीं खड़े रह सकते़ आज हमारे गांव की जमीन को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 19, 2017 9:57 AM
रांची : कुड़ुख संवसे राजी पड़हा (कुड़ुख नेशनल काउंसिल) का सेमिनार रविवार को वाटिका बैंक्वेट हॉल, हिनू में हुआ़ इसमें कुड़ुख अस्तित्व व पहचान विषय पर चर्चा की गयी़ चोन्हस किंडो ने कहा कि जमीन ही कुड़ुख जीवन की रीढ़ है़ इसके बिना हम सीधे नहीं खड़े रह सकते़ आज हमारे गांव की जमीन को भूमि बैंक में शामिल किया जा रहा है. बाकी जमीनों को दलाल बेच रहे है़
ऐसी स्थिति में क्या हमें भूमि रक्षा दल बना कर जमीन की रक्षा नहीं करनी चाहिए? सेमिनार में डॉ निर्मल मिंज को कुड़ुख भाषा-साहित्य के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया़
अच्छा दिन देखने के लिए काफी मेहनत करने की जरूरत: चोन्हस किंडो ने कहा कि जल, जंगल व जमीन ही कुड़ुख जीवन का आधार है़ आज हमारा समाज संक्रमण के दौर से गुजर रहा है़ हमारा विश्वास धर्मेश से उठ रहा है़
हम अन्य देवी-देवताओं में उनकी खोज करते है़ं अपने पर्व-त्योहारों का नाम भी सुरक्षित नहीं रख सकते़ लड़के-लड़कियां अपने गोत्र के स्थान पर कुमार व कुमारी लिखने लगे है़
हमारे पारिवारिक व सामाजिक संस्कार बदल रहे है़ं स्कूल-कॉलेजों में भी संस्कृत की पढ़ायी होती है, पर कुड़ुख की नही़ं शराब,अशिक्षा, गरीबी व अंधविश्वास घुन की तरह हमारे समाज को खा रहा है़ अच्छा दिन देखने के लिए हमें काफी मेहनत करने की जरूरत है़
सचिव जतरू उरांव ने कहा कि यदि हम अपनी भाषा-संस्कृति, संस्कार नहीं बचायेंगे, तो उजड़ जायेंगे़ एतवा किस्पोट्टा ने कहा कि व्यवसाय का क्षेत्र अपनाने की भी सोचे़ं जॉन जॉर्ज तिर्की ने कहा कि यह पांचवीं अनुसूची का क्षेत्र है, पर यहां इसके कायदे-कानूनों का अनुपालन नहीं होता़
हमारा इतिहास गौरवशाली रहा है़ सिंधु घाटी की सभ्यता हमारी थी़ कार्यक्रम में पूर्व विधायक बहादुर उरांव, क्रिस्टोफर किस्पोट्टा, धनेश्वर टोप्पो, समजीरा टोप्पो, लूसी खेस, करमा उरांव, नागराज उरांव शामिल थे़

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