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बिना शिक्षक क्षेत्रीय भाषा का रिजल्ट सौ फीसदी
इंटर कॉलेज व डिग्री कॉलेजों में भी शिक्षकों की कमी रांची : इंटरमीडिएट में बिना शिक्षक के ही क्षेत्रीय व जनजातीय भाषा के शत-प्रतिशत परीक्षार्थी परीक्षा में पास हो रहे हैं. वर्ष 2017 की इंटर परीक्षा में लगभग सभी जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा की परीक्षा में शामिल सभी परीक्षार्थी सफल हुए हैं. राज्य में इंटर […]
इंटर कॉलेज व डिग्री कॉलेजों में भी शिक्षकों की कमी
रांची : इंटरमीडिएट में बिना शिक्षक के ही क्षेत्रीय व जनजातीय भाषा के शत-प्रतिशत परीक्षार्थी परीक्षा में पास हो रहे हैं. वर्ष 2017 की इंटर परीक्षा में लगभग सभी जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा की परीक्षा में शामिल सभी परीक्षार्थी सफल हुए हैं.
राज्य में इंटर की पढ़ाई के लिए प्लस टू स्कूलों में जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा के शिक्षकों का पद ही नहीं है. 90 फीसदी से अधिक इंटर कॉलेजों में इन विषयों के शिक्षक नहीं हैं. अंगीभूत कॉलेजों में जहां इंटरमीडिएट की पढ़ाई होती है, उन महाविद्यालयों में भी इसकी कक्षा नहीं होती.
इसके बाद भी विद्यालय व कॉलेजों से जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा में परीक्षा में शामिल होनेवाले विद्यार्थी परीक्षा में सफल हो रहे हैं. स्कूलों में हो, मुंडारी, संताली, उरांव, पंचपरगनिया, नागपुरी, कुरमाली व खोरठा की पढ़ाई होती है़.
प्लस टू स्कूल के अलावा उच्च विद्यालयों में भी जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा के शिक्षकों की कमी है़ इंटर कॉलेजों में जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा के शिक्षकों के दूसरे पद सृजन का प्रस्ताव शिक्षा विभाग में लंबित है़
स्कूल के अलावा विश्वविद्यालय में भी जनजातीय भाषा के शिक्षकों की कमी है. राज्य गठन के बाद से ही प्लस टू विद्यालयों में जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा विषय में शिक्षकों के पद सृजन की मांग की जा रही है.
खोरठा, खड़िया, कुरमाली समेत कई विषयों में शत-प्रतिशत हुआ रिजल्ट
इंटर साइंस की परीक्षा में खोरठा, खड़िया, कुरमाली, बांग्ला, संताली, कुड़ुख, मुंडारी, पंचपरगनिया विषयाें का रिजल्ट शत-प्रतिशत हुआ है. इसके अलावा संस्कृत, हिंदी ए विषय का रिजल्ट भी सौ फीसदी हुआ है. इंटर के अलावा मैट्रिक में भी अधिाकांश जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा में शत-प्रतिशत परीक्षार्थी सफल हुए हैं.
रसायन व गणित का रिजल्ट खराब
रिजल्ट की समीक्षा को लेकर गठित कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि इंटर साइंस में गणित व रसायन का रिजल्ट सबसे अधिक खराब हुआ. जबकि इंटर कॉमर्स में एकाउंट का रिजल्ट सबसे खराब हुआ है. मैट्रिक में भी अंगरेजी व गणित का रिजल्ट खराब हुआ है. उल्लेखनीय है कि प्लस टू हाइस्कूल में गणित व रसायन विषय के लगभग आधे शिक्षकों के पद रिक्त हैं.
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