नौकरी के लिए ”योग सुंदरी” अर्चना काट रही हैं दफ्तरों का चक्कर, 2 साल पहले CM रघुवर ने की थी घोषणा
रांची : अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री रघुवर दास के साथ पूरा महकमा सुबह सात बजे योग करने में व्यस्त था. इस भीड़ में एक चेहरा अर्चना कुमारी का भी था. अर्चना कुमारी ने योगाभ्यास में कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मेडल प्राप्त किये हैं. उन्हें योग सुंदरी के खिताब से भी नवाजा गया […]
रांची : अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री रघुवर दास के साथ पूरा महकमा सुबह सात बजे योग करने में व्यस्त था. इस भीड़ में एक चेहरा अर्चना कुमारी का भी था. अर्चना कुमारी ने योगाभ्यास में कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मेडल प्राप्त किये हैं. उन्हें योग सुंदरी के खिताब से भी नवाजा गया है. सरकार ने दो साल पहले अर्चना को नौकरी देने की घोषणा की थी, जो अभीतक पूरी नहीं हुई.
योग दिवस के मौके पर कई गणमान्य उपस्थित थे, साथ ही स्कूली बच्चों सहित विभिन्न संगठन के लोगों को भी आमंत्रित किया गया था. हजारो की संख्या में लोगों ने मुख्यमंत्री के साथ योग का अभ्यास किया. इस भीड़ में वो लोग भी शामिल थे, जो पिछले दो सालों से नौकरी के लिए अर्चना को दफ्तरों का चक्कर लगवा रहे हैं.
युवा पत्रकार सन्नी शरद ने अपने फेसबुक वाल पर अर्चना के साथ सेल्फी पोस्ट करते हुए लिखा, ‘योग सुंदरी से शीर्षासन करा रहे हैं अधिकारी… ‘ सन्नी ने लिखा कि ये रांची की बेटी अर्चना कुमारी हैं…… जिसने देश ही नहीं बल्कि विश्वभर में झारखण्ड का नाम रौशन किया है…… दो साल पहले आज ही के दिन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अर्चना को नौकरी ऑफर की थी. अर्चना ने अपने राज्य में नौकरी करने की ललक में उत्तराखंड सरकार की ओर से दी गयी नौकरी को ठुकरा दिया और अब ये दफ्तरों के चक्कर काट रही हैं.
अर्चना के बारे में बात करें तो इन्होंने देव संस्कृत विश्वविद्यालय देहरादून से यौगिक विज्ञान में मास्टर, फिर एमफील करने के बाद पीएचडी कर रही हैं. अर्चना ने एशिया कप हांगकांग में गोल्ड मैडल जीता. उसके बाद अर्चना ने वर्ल्ड युथ योगा कप नेपाल में भी गोल्ड मेडल जीता. 2009 में अर्चना को योग सुंदरी के खिताब से नवाजा गया था. इसके अलावे अर्चना राष्ट्रीय और राज्यीय स्तर पर झारखण्ड को कई बार योग में मेडल दिला चुकी हैं.
मुख्यमंत्री रघुवर ने अर्चना को उस समय नौकरी देने की घोषणा की थी जब उत्तराखंड सरकार ने उन्हें एसिस्टेंट प्रोफेसर की नौकरी ऑफर की थी. अर्चना ने झारखण्ड के सीएम की बात रख उत्तराखंड में भी ज्वाइन नहीं किया और इधर भी उसको नौकरी नहीं दी गयी. अधिकारी 2 साल से अर्चना को विभागों का चक्कर कटवा रहे हैं.