रांची : झारखंड स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने बिजली दर में बढ़ोतरी की निंदा की है. जेसिया का कहना है कि इसका सीधा असर झारखंड के उद्योग-धंधों पर पड़ेगा. भारत सरकार बिजली का रेट घटा रही है, वहीं झारखंड में बिजली की दरें बढ़ाना कहां तक उचित है. जेसिया के कई सदस्यों ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.
आम जनता व उद्योगों को बिजली सही ढंग से उपलब्ध नहीं हो रही है. दूसरी ओर बिजली की दर में वृद्धि हो रही है, यह तर्क संगत नहीं है. बिजली बोर्ड को पहले लोड शेडिंग में सुधार लाना चाहिए. आयोग ने आदेश दिया है, तो उपभोक्ताओं को मानना ही पड़ेगा. लेकिन यह तर्क संगत नहीं है.
योगेंद्र कुमार ओझा, अध्यक्ष, जेसिया
बिजली का रेट बढ़ने से आम जनता एवं उद्योगों में रोष है. मोमेंटम झारखंड अगर विफल होता है, तो इसके लिए झारखंड बिजली वितरण निगम ही जिम्मेवार होगा. यह सोचने का विषय है कि वर्तमान उद्योगों को आप बिजली नहीं दे पा रहे हैं, तो नये उद्योगों के लिए बिजली की व्यवस्था कहां से होगी.
दीपक कुमार मारू, मानद सचिव, जेसिया
बिजली की दरें बढ़ने से झारखंड में उद्योग-धंधों पर असर पड़ेेगा. बिजली की खराब क्वालिटी के कारण हमलोगों को जेनरेटर से उद्योग को चलाना पड़ता है. यही कारण है कि हमलोगों की उत्पादित वस्तु का रेट बढ़ जाता है. इसके चलते उद्योग को काफी नुकसान सहना पड़ रहा है.
बिनोद नेमानी, मीडिया प्रभारी, जेसिया
बिजली के दामों में बढ़ोतरी गलत कदम है. झारखंड में बिजली की दरें कम होनी चाहिए, क्योंकि यहां पर कोयला की उपलब्धता प्रचुर मात्रा में है. बिजली बोर्ड सही तरीके से काम नहीं कर पा रहा है.
रंजीत टिबड़ेवाल, पूर्व अध्यक्ष
राज्य में बिजली की दरें बढ़ायी गयी हैं, जो गलत है. बिजली की दरें अन्य जगहों पर कम हो रही है. इससे उद्योगों और आम जनता पर बुरा असर पड़ेगा.
सुनील कुमार जायसवाल, उपाध्यक्ष