अवैध रूप से लगने लगीं खस्सी-मुरगा की दुकानें
कवायद फेल. नहीं खुला निगम का स्लॉटर हाउस राज्य सरकार ने खुले में मुरगा, खस्सी सहित अन्य जानवरों के वध और बिक्री पर 28 मार्च से ही प्रतिबंध लगा दिया है. इसके बाद रांची नगर निगम और जिला प्रशासन ने अभियान चलाकर सभी दुकानें बंद करा दीं. मांस बिक्री के लिए नयी नियमावली भी बनी […]
कवायद फेल. नहीं खुला निगम का स्लॉटर हाउस
राज्य सरकार ने खुले में मुरगा, खस्सी सहित अन्य जानवरों के वध और बिक्री पर 28 मार्च से ही प्रतिबंध लगा दिया है. इसके बाद रांची नगर निगम और जिला प्रशासन ने अभियान चलाकर सभी दुकानें बंद करा दीं. मांस बिक्री के लिए नयी नियमावली भी बनी है, लेकिन अब तक गिने-चुने लोगों काे ही लाइसेंस मिला है. वहीं, नगर निगम का स्लॉटर हाउस भी अब तक नहीं खुला. नतीजतन, कई इलाकों में अवैध रूप से खस्सी और मुरगा की दुकानें दोबारा खुलने लगी हैं, जहां लाेगों से ज्यादा कीमत ली जा रही है. इसके बावजूद रांची नगर निगम की ओर से इन दुकानों पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जा रही है.
रांची : मांस बिक्री के लिए रांची नगर निगम ने नयी नियमावली बनायी है. नियमावली के तहत नगर निगम ने अब तक 28 चिकेन शाॅप और दो मछली दुकानों को लाइसेंस जारी कर दिया. जबकि, स्लाॅटर हाउस नहीं होने के कारण अब तक किसी मटन शॉप को लाइसेंस नहीं जारी किया गया है. इसके बावजूद बहू बाजार, डिस्टिलरी सब्जी मंडी सहित कोकर सब्जी मार्केट में प्रतिदिन खस्सी भी काटा जा रहा है.
खुले में खस्सी और मुरगा काटकर बेचने पर रोक लगाने का असर शहर की आम जनता पर पड़ा है. जो दुकानें अवैध रूप से चल रही हैं, उनमें डेढ़गुना दाम पर मुरगा और खस्सी बेचा जा रहा है. रोक से पहले जहां चिकेन 100 से 120 रुपये प्रति किलो बिक रहा था, वहीं आज इसकी कीमत 150 से 180 रुपये प्रति किलो हो चुकी है. खस्सी पूर्व में जहां 400 से 450 रुपये प्रति किलो बिक रहा था, वहीं अब चोरी छिपे यह 500-550 रुपये प्रति किलो बिक रहा है.
निगम का स्लॉटर हाउस एनओसी में अटका
शहर में किसी स्लॉटर हाउस को लाइसेंस नहीं दिये जाने के कारण जहां शहर के अधिकतर मटन शॉप में ताला लटका हुआ है. वहीं, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा एनओसी नहीं मिलने की वजह से अब तक रांची नगर निगम का कांके स्थित स्लॉटर हाउस शुरू हो पाया है. इसके शुरू होने को लेकर निगम के अधिकारी कुछ स्पष्ट नहीं बता पा रहे हैं.
शर्तें ऐसी कि नहीं खोल सकते मिनी स्लाॅटर हाउस
निगम द्वारा बनायी गयी नियमावली के अनुसार कोई भी व्यक्ति अपनी जमीन पर मिनी स्लॉटर हाउस खोल सकता है. हालांकि, इसकी शर्तें ऐसी हैं कि कोई भी मिनी स्लॉटर हाउस खोलने की सोच भी नहीं सकता है. यही वजह है कि अब तक इसके लिए एक भी आवेदन निगम के पास नहीं आया है.
ये हैं शर्तें
स्लॉटर हाउस में खस्सी या अन्य जानवरों के काटने के लिए पूरी तरह से अत्याधुनिक मशीनें रखनी होंगी.
जानवरों के शरीर से निकलने वाले अवशेष को पूरी तरह से रिसाइकिल करने के लिए प्लांट लगाना होगा.
स्लॉटर हाउस में पर्याप्त ओपेन स्पेस, जानवरों के लिए बेहतर सुविधाएं और वेटेनरी डॉक्टर होना चाहिए.
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने स्लॉटर हाउस का निरीक्षण किया है. हमें उम्मीद है
कि जल्द ही एनओसी मिल जायेगा. शहर में जो भी अवैध मुरगा और
मीट दुकानें लग रही हैं. उन सभी
पर रथ मेला व ईद के बाद नगर निगम कार्रवाई करेगा. इस बार निगम का अभियान वृहद पैमाने पर चलेगा.
डॉ किरण, हेल्थ अफसर, रांची नगर निगम