रांची/रामगढ़: रामगढ़ पुलिस ने ह्यूमन ट्रैफिकिंग के एक मामले का खुलासा करते हुए मंगलवार को दिल्ली भेजे जा रहे आठ बाल श्रमिकों को रामगढ़ रेलवे स्टेशन पर मुक्त कराया और एक दलाल को भी धर दबोचा.
एक अन्य व्यक्ति को भी पकड़ा गया है. इन्हें मुक्त कराने में आजसू छात्र संघ के सदस्यों की मुख्य भूमिका रही. पकड़े गये बाल श्रमिकों में सात मांडर थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं, जिन्हें लेकर रामगढ़ पुलिस थाना पहुंची, जहां दलाल से पूछताछ की गयी. बताया जा रहा है तीन दलाल बाल श्रमिकों को दिल्ली भेजने के लिए रामगढ़ रेलवे स्टेशन पहुंचे थे.
इसी बीच आजसू छात्र संघ के सदस्यों की नजर बच्चों पर पड़ी. शक होने पर इसकी सूचना रामगढ़ पुलिस को दी गयी. सूचना मिलते ही पुलिस हरकत में आयी और रामगढ़ रेलवे स्टेशन पहुंची. पुलिस को देखते ही दो दलाल कुछ बाल श्रमिकों के साथ वहां से खिसक गये, जबकि आठ बाल श्रमिक व एक दलाल पकड़े गये. दलाल ने पुलिस को बताया कि उन्हें काम कराने के लिए मंगलवार को स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस से नयी दिल्ली भेजा जाना था. मुक्त कराये गये बच्चों में सात मांडर (रांची) तथा एक ललकी घाट रामगढ़ निवासी है.
मांडर के हैं बच्चे
पकड़े गये दलाल का नाम हजारीबाग निवासी मो वशीर है. उसके साथ इम्तियाज नामक व्यक्ति को भी पकड़ा गया है. उसकी पत्नी भी साथ थी. इम्तियाज ने खुद को श्रमिक बताया. उसकी पत्नी ने कहा कि मो वशीर के कहने पर वह काम करने दिल्ली जा रही थी. मुक्त कराये गये बाल श्रमिकों में ललकी घाट निवासी मुकेश, मांडर निवासी सोनू कच्छप, पार्वती कच्छप, अंजलि टोप्पो, उमेश मांझी, मुकेश टोप्पो, आम बाबू तथा अशोक कुमार शामिल हैं.