सभी जिलों में खोले जाने हैं नशामुक्ति केंद्र

रांची: केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि सभी जिलों में नशामुक्ति केंद्र (डी-एडिक्शन सेंटर) खोले जायें. सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा है कि नशा या नशे की लत समाज को बर्बाद कर रहे हैं. इसलिए इससे मुक्ति के प्रयास जरूरी हैं. राज्य सरकार से कहा गया है […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 27, 2017 6:16 AM
रांची: केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि सभी जिलों में नशामुक्ति केंद्र (डी-एडिक्शन सेंटर) खोले जायें. सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा है कि नशा या नशे की लत समाज को बर्बाद कर रहे हैं. इसलिए इससे मुक्ति के प्रयास जरूरी हैं.
राज्य सरकार से कहा गया है कि नशामुक्ति केंद्र या, तो सरकारी अस्पतालों में या फिर अन्य जगह खोलने के प्रयास किये जाएं. इससे पहले नेशनल ड्रग सर्वे के लिए राज्य सरकार को सचिव स्तर का एक नोडल पदाधिकारी भी नामित करने को कहा गया है, जो सर्वे कार्यों में सहयोग व समन्वय का काम करेंगे. गौरतलब है कि नशापान व नशे के शिकार लोगों संबंधी यह सर्वे करीब एक लाख परिवार तथा व्यक्तिगत रूप से छह लाख लोगों के बीच किया जाना है.
कुल आबादी का आधे को तंबाकू की लत : केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार झारखंड के कुल 50.1 फीसदी लोग किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं. यह आंकड़ा राष्ट्रीय औसत 3.6 फीसदी से काफी अधिक है. सरकार मानती है कि युवाओं के धूम्रपान या तंबाकू सेवन शुरू करने के पीछे जागरूकता व जानकारी का अभाव होता है. दूसरी ओर तंबाकू सेवन से मरनेवालों की तादाद लगातार बढ़ रही है.
ज्यादातर विधायक शराबबंदी के पक्ष में : राज्य में तंबाकू की तरह शराब पीनेवाले लोगों का कोई पुष्ट आंकड़ा तो नहीं है, लेकिन झारखंड के मंत्री-विधायक भी चाहते हैं कि यहां बिहार की तर्ज पर शराब पर प्रतिबंध लगे. कुल 94 फीसदी विधायक चाहते हैं कि राज्य में शराब पर प्रतिबंध लगना चाहिए. सभी महिला विधायक शराबबंदी के पक्ष में हैं. पूर्व में किये गये प्रभात खबर के एक सर्वे के तहत राज्य के कुल 53 विधायकों से शराबबंदी पर उनके विचार जाने गये थे.

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