रांची :वाट्सऐपका सही इस्तेमाल आपकी जिंदगी को आसान बना सकता है. वहीं एक गलत मैसेज आपको हवालात तक पहुंचा सकता है. कुछ दिनों पहले हमने साहेबगंज की घटना आप सबों से साझा की थी, जहांवाट्सऐपमें किये मजाक से शख्स को जेल जाना पड़ा लेकिन आज कहानी एक ऐसे मैसेज की जिसने बिछड़े बच्चे को मां से मिलवा दिया. रांची के युवा व तेजतर्रार पत्रकार सन्नी शरद के एक वाट्सऐपमैसेज ने एक पांच वर्षीय बिछड़े बच्चे को अपने मां से मिलवाया तो वहां मौजूद सभी लोगों की आंखे नम हो गयी. हुआ यूं कि बेगुसराय का रहने वाला एक पांच वर्षीय बच्चा 14 दिन पहले भटकते हुए रांची पहुंच गया था.
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जब इस बात की जानकारी युवा पत्रकार सन्नी शरद को लगी तो अपने समस्तीपुर के सहयोगी को यह तसवीर भेज दी.ऐसी जानकारी मिली थी कि बच्चा समस्तीपुर का है. समस्तीपुर के एसपी ने उस बच्चे की तसवीर सभी थाना के एसएचओ को भेजा. काफी छानबीन के बाद पता चला कि बच्चा बेगुसराय का है. परिवार को अपने खोये बच्चे की सूचना मिली और वे तुरंत रांची पहुंच गये. 14 दिन बाद जब वह बच्चा अपने मां से मिला तो लिपटकर रोने लगा.सन्नी ने बिछड़े बच्चे को अपने परिवार से मिलाने के लिए उसकी तसवीर चिल्ड्रेन वेलफेयर कमिटी को भी दी थी . यह तसवीर ‘ फ्रेंड्स ऑफ़ चिल्ड्रन’ नाम से बने व्हाट्स एप ग्रुप में भी डाली गयी. आज सिलीगुड़ी के एक अन्य बच्चे को वॉटे्सएप के जरिये मिलाया गया. बताया जा रहा है कि वह आईटीआई स्थित बाल आश्रय में रहता थे. उसे अपने मां -बाप से मिलवाने में वॉटे्सएप की अहम भूमिका रही.
ऐसे वक्त में जब वाट्सऐप के इस्तेमाल को लेकर बहस छिड़ी हुई है. अमूमन हम अपने पास आये वाट्सऐप मैसेज को बिना देखे ही आगे बढ़ जाते हैं. संभव हो कि कोई मैसेज आपका नहीं तो किसी दूसरे की जिंदगी बदल सकती है. सूचना क्रांति के युग में जीवन का अहम हिस्सा बन चुके वॉटे्सएप के प्रभाव का अंदाजा लगा पाना आसान नहीं है.