रांची : सीएनटी और एसपीटी एक्ट में संशोधन को लेकर शुरू सरकार के विरोध में खड़ी सामाजिक कार्यकत्ता दयामनी बारला आज प्रभात खबर फेसबुक लाइव में सीधा आपसे संवाद कर रही है. उनके साथ है आदिवासी नेता जेरोम कुजूर. अगर आपके मन में भी आदिवासी आंदोलन और सीएनटी-एसपीटी संसोधन बिल से संबंधित कोई सवाल हो तो आप उनसे पूछ सकते हैं. दयामनी बारला ही ने नया नारा दिया था, ‘ना जान देंगे, ना जमीन.’
दयामनी का कहना है कि झारखंड में आजादी से पहले भी लोगों ने विकास के नाम पर जमीन लिया है और आजादी के बाद भी कई जगहों पर जमीन अधिग्रहण किये गये. लेकिन विकास कहांतक हुआ, यह सभी को पता है. जितना भी जमीन अधिग्रहण किया गया है उसमें से 80 फीसदी जमीन आदिवासियों का है. लेकिन आदिवासियों का विकास नहीं हुआ.