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दोबारा संशोधन हुआ, तो होंगे गंभीर परिणाम : शिबू

जामताड़ा/रांची: सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन कर राज्य सरकार आदिवासी एवं मूलवासी की जमीन बाहरी लोगों को हस्तांतरित करना चाहती है. सरकार की नियत में खोट है. सरकार की मंशा क्या है यह लोगों को भी समझ में आ रहा है. इसलिए बिल को राज्यपाल ने वापस कर दिया है. सरकार अब भी नहीं संभलती है, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 29, 2017 7:09 AM
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जामताड़ा/रांची: सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन कर राज्य सरकार आदिवासी एवं मूलवासी की जमीन बाहरी लोगों को हस्तांतरित करना चाहती है. सरकार की नियत में खोट है. सरकार की मंशा क्या है यह लोगों को भी समझ में आ रहा है. इसलिए बिल को राज्यपाल ने वापस कर दिया है. सरकार अब भी नहीं संभलती है, तो फजीहत तय है.

झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन ने बुधवार को जामताड़ा में पार्टी कार्यालय में मीडिया से बातचीत के क्रम यह बातें कही. उन्होंने कहा कि एक्ट को दोबारा लाने का प्रयास हुआ, तो सरकार को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे. झामुमो एक्ट में किसी प्रकार के संशोधन के पक्ष में नहीं है. शिबू सोरेन ने कहा कि सरकार बाहरी लोगों को खुलेआम जमीन देने की साजिश कर रही है.

विकास के नाम पर आदिवासियों को उनके मूल स्थान से बेदखल करने का काम किया जा रहा है. एक्ट में संशोधन किये बगैर भी झारखंड में लोगों का विकास किया जा सकता है. इसके लिए जमीन के नेचर को बदलने की आवश्यकता नहीं होगी. उन्होंने कहा कि सरकार बड़े पूंजीपतियों के हाथों में खेल रही है. सरकार किसी और के नियंत्रण में चल रही है. इसका नुकसान राज्य के गरीब-गुरबों को उठाना पड़ेगा.

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