सीएनटी-एसपीटी एक्ट : भाजपा की बैठक में रायशुमारी, बोले गिलुवा पार्टी के सुझाव पर सरकार भी सहमत
रांची : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा ने कहा है कि पार्टी के सुझाव से सरकार को अवगत करा दिया गया है़ सीएनटी की धारा 21 और एसपीटी की धारा 13 में संशोधन कर जमीन की प्रकृति बदलने के प्रस्ताव को ड्रॉप करने पर अधिसंख्य लोगों ने सहमति जतायी है़ इस मुद्दे पर पार्टी […]
रांची : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा ने कहा है कि पार्टी के सुझाव से सरकार को अवगत करा दिया गया है़ सीएनटी की धारा 21 और एसपीटी की धारा 13 में संशोधन कर जमीन की प्रकृति बदलने के प्रस्ताव को ड्रॉप करने पर अधिसंख्य लोगों ने सहमति जतायी है़
इस मुद्दे पर पार्टी ने आदिवासी नेताओं व पदाधिकारियों के साथ विमर्श किया. सबकी राय थी कि संशोधन के प्रस्ताव को विलोपित िकया जाये़ उन्होंने कहा िक सीएम रघुवर दास से बात हुई है, उन्होंने आश्वस्त किया है कि पार्टी के सुझावों पर अमल होगा. श्री गिलुवा पार्टी
पदाधिकारियों की बैठक के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे़
धारा 49 में हो चुका है संशोधन : श्री गिलुवा ने कहा कि सीएनटी की धारा 49 में एकीकृत बिहार में 1996 में झामुमो-कांग्रेस के समर्थन से चल रही राजद के नेतृत्ववाली सरकार ने उद्योग व खनन के लिए अधिग्रहण की बात कह कर संशोधन किया था़ सरकारी कार्य और प्रयोजन के लिए जैसे सड़क चौड़ीकरण, स्कूल, कॉलेज, अस्पताल के लिए अब संशोधन की बात कही गयी है़ पार्टी ने इस पर सहमति जतायी है कि सरकारी कार्यों के लिए अधिग्रहण हो़ साथ ही सीएनटी की धारा 71 में संशोधन कर मुआवजा देने के प्रावधान को खत्म करने की बात कही गयी है़ पार्टी इस संशोधन के पक्ष में है़ इस संशोधन को लागू करने पर सहमति बनी है़
ताकतवर लोगों पर कार्रवाई हो : श्री गिलुवा ने कहा कि ताकतवर लोगों ने सीएनटी-एसपीटी एक्ट का उल्लंघन कर आदिवासियों की जमीन गलत तरीके से खरीदी है़ ऐसे लोगों पर कार्रवाई हो़ आदिवासियों की जमीन वापस होनी चाहिए़ सरकार को पार्टी की भावना से अवगत कराया जायेगा. उधर, पार्टी पदाधिकारियों की बैठक में सीएनटी-एसपीटी पर एक-एक लोगों की राय ली गयी़ पदाधिकारियों का कहना था कि आदिवासी-मूलवासी की हितों की रक्षा होनी चाहिए़
झारखंडी भावना को देखते हुए संशोधन किया जाये़ इस मौके पर दीपक प्रकाश ने कहा कि पार्टी ने सुझाव दे दिया है़ सर्वसम्मति से राय बनी है़ निर्णय लेना सरकार का काम है़
पार्टी ने सुझाव दे दिया है, बिल सत्र में लाना सरकार का काम: तुबिद
पार्टी प्रवक्ता जेबी तुबिद ने कहा कि सीएनटी-एसपीटी मुद्दे पर पार्टी में विचार मंथन हुआ़ इसमें सभी बिंदुओं पर चर्चा हुई़ पार्टी आदिवासी-मूलवासी की हितों की रक्षा के लिए संकल्पित है़
पार्टी के नेता जमीन की प्रकृति बदलने के प्रस्ताव को विलोपित करते हुए, उसे यथावत रखे जाने पर एकमत थे़ यह पूछे जाने पर कि बिल दुबारा इसी मॉनसून सत्र में लाया जायेगा़ श्री तुबिद ने कहा कि पार्टी ने अपना सुझाव दे दिया है़ सत्र में बुलाने और बिल लाने का काम सरकार का है़
बैठक में एक ही विधायक पहुंचे
प्रदेश अध्यक्ष द्वारा बुलायी गयी बैठक में विधायक रामकुमार पाहन ही पहुंच पाये थे़ पहले चर्चा थी कि पार्टी के सभी गैर आदिवासी विधायकों को बुलाया गया है़ इधर बैठक में गणेश मिश्रा, जेबी तुबिद, दीपक प्रकाश, समीर उरांव, बालमुकुंद सहाय, आदित्य साहू, प्रिया सिंह, मुनेश्वर साहू, प्रतुल शाहदेव, ज्योतिश्वर सिंह, आरती सिंह सहित कई पदाधिकारी शामिल हुए़
गैर आदिवासी विधायक, सांसद से सीएम कर रहे हैं बात सरकार सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन को लेकर गैर आदिवासी सांसद-विधायकों की भी राय लेगी़ मुख्यमंत्री रघुवर दास पार्टी के सांसद-विधायकों से अलग-अलग बात भी कर रहे हैं.
प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा भी अपने स्तर पर सुझाव ले रहे है़ इस बाबत प्रदेश अध्यक्ष श्री गिलुवा ने कहा कि पदाधिकारियों की बैठक अल्पसमय में बुलायी गयी़ विधायकों और सांसदों से भी अलग-अलग बात की जा रही है़ मुख्यमंत्री खुद ही बात कर रहे है़
पार्टी का सुझाव
सीएनटी की धारा 21 और एसपीटी की धारा 13 में संशोधन कर जमीन की प्रकृति बदलने के प्रस्ताव को विलोपित किया जाये़ इस प्रस्ताव को सरकार ड्रॉप करे
सीएनटी की धारा 49 में 1996 में एकीकृत बिहार के समय राजद की सरकार ने उद्योग और खनन के लिए जमीन अधिग्रहण करने की बात कही थी़ वर्तमान में सरकारी प्रयोजन के लिए अधिग्रहण की बात कही गयी है़ सरकार का यह संशोधन सही है़ केवल सरकारी प्रयोजन के लिए भूमि का अधिग्रहण हो
सीएनटी की धारा 71 में संशोधन कर एसएआर कोर्ट से मुआवजा का प्रावधान समाप्त करने की बात कही गयी है़ सरकार का यह संशोधन उचित है़ मुआवजा का प्रावधान भी समाप्त किया जाय