हूल दिवस: विभिन्न राजनीतिक संगठनों ने सिदो-कान्हू को दी श्रद्धांजलि, सुदेश ने कहा संघर्ष करने की प्रेरणा देते हैं सिदो-कान्हू
रांची: हूल दिवस पर शुक्रवार को आजसू पार्टी द्वारा रांची के सिदो-कान्हू पार्क में अवस्थित उनकी प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित कर वीरों को याद किया गया. मौके पर पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो ने कहा कि 30 जून 1855 को सिद्धो-कान्हू, चांद-भैरव के नेतृत्व में अंगरेजों के खिलाफ भारत की पहली जनक्रांति का […]
वे हमेशा हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा देते रहेंगे. उन्होंने अंगरेजों के खिलाफ हूल छेड़ा था. यह युद्ध सामाजिक चेतना के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जाता है. संताल हूल आज भी प्रासंगिक है. वर्तमान में राज्यपाल द्वारा सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन से संबंधित विधेयक लौटाया जाना सराहनीय कदम है. मैंने पूर्व में भी उनका ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा था कि यह संशोधन जन आकांक्षा के विपरीत है.
सरकार को कदम उठाये जाने के पहले सहयोगी दलों, विपक्षी दल, जन संगठनों आदि से संवाद कायम करे, ताकि यह साबित हो सके कि यह केवल राजनीतिक व सरकार का विषय नहीं है, बल्कि राज्य गठन के उद्देश्य से जुड़ा हुआ मामला है. श्री महतो ने रामगढ़ में हुई घटना की निंदा करते हुए कहा कि प्रशासन कड़ी कार्रवाई करे, ताकि राज्य में आपसी भाईचारगी व सांप्रदायिक साैहार्द्र को अशांत करनेवालों को सबक सिखाया जा सके. इस अवसर पर डाॅ देवशरण भगत, राजेंद्र मेहता, डाॅ बीके चांद, सुकरा सिंह मुंडा, ललित ओझा, प्रो विनय भरत, पार्वती देवी, रीना केरकेट्टा, वीणा कुमारी, फुलकुमारी देवी, चारूबाला देवी, वीणा देवी, सीमा सिंह, नेहा प्रसाद, अनिता गाडी, अनिल टाईगर, बनमाली मंडल, अंचल किंगर, राजेंद्र शाही मुंडा, आदिल अजीम, हरीश कुमार, संगीता देवी सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित थे.