CNT एक्‍ट का उल्‍लंघन कर हेमंत परिवार बना जमींदार, बाबुलाल की बहन पर केस दर्ज हो : भाजपा

वरीय संवाददाता, रांची सीएनटी-एसपीटी एक्ट का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर प्रदेश भाजपा ने मोरचा खोल दिया है. प्रदेश उपाध्यक्ष आदित्य साहू ने लगातार दूसरे दिन झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन व उनके परिवार के खिलाफ सीएनटी-एसपीटी एक्ट के उल्लंघन करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 2, 2017 6:35 PM

वरीय संवाददाता, रांची

सीएनटी-एसपीटी एक्ट का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर प्रदेश भाजपा ने मोरचा खोल दिया है. प्रदेश उपाध्यक्ष आदित्य साहू ने लगातार दूसरे दिन झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन व उनके परिवार के खिलाफ सीएनटी-एसपीटी एक्ट के उल्लंघन करने का आरोप लगाया.

उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन के परिवार सीएनटी-एसपीटी एक्ट का उल्लंघन कर जमींदार बन गया है. वहीं दूसरी तरफ झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी हरमू में कॉव्स की जमीन को अपनी बहन के नाम पर बता रहे हैं. उनकी बहन गिरिडीह की रहने वाली है. ऐसे में उन्हें बताना चाहिए कैसे रांची में उन्होंने जमीन खरीदी.

पार्टी सरकार से बाबूलाल मरांडी के बहन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई करने की मांग करती है. रविवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्री साहू ने कहा कि जनता बाबूलाल से जानना चाहती है कि जिस सीएनटी-एसपीटी कानून में संशोधन का विरोध कर रहे हैं. इसे आदिवासियों का सुरक्षा कवच बता रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ उनके परिवार के लोग निजी हित में सीएनटी-एसपीटी एक्ट का सुरक्षा कवच को तोड़ कर कृषि भूमि का व्यावसायिक उपयोग कर रहे हैं.

श्री साहू ने कहा कि विपक्ष के तथाकथित आदिवासी नेताओं का चरित्र प्याज के छिलके की तरह है, जो परत-दर-परत खुलते जा रहा है. मौके पर भाजपा के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव, दीनदयाल बर्णवाल व प्रदेश मीडिया प्रभारी शिव पूजन पाठक मौजूद थे.

हेमंत व बाबूलाल से किये कई सवाल

– बाबूलाल बतायें जब उनकी बहन गिरिडीह की है, तो कैसे हरमू में कॉव्स की जमीन खरीदी व उसका व्यावसायिक उपयोग कर रही हैं?

– हेमंत सोरेन बताये कि उनकी पत्नी के नाम से खरीदी गयी कृषि योग्य भूमि का व्यावसायिक उपयोग कैसे हो रहा?

-हेमंत व बाबूलाल बतायें कि सीएनटी-एसपीटी कानून के सरलीकरण में किस प्रावधान के तहत उद्योग धंधों को जमीन देकर आदिवासियों की जमीन लूटने की बात कही गयी है?

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