रांची: निगरानी ने बुधवार को जरेडा में सोलर लाइट खरीद में हुई करीब 10 करोड़ की गड़बड़ी के मामले में जरेडा के पूर्व परियोजना निदेशक बानेश्वर महतो को गिरफ्तार किया है. उनकी गिरफ्तारी आइआइएम परिसर से हुई.
वह मूल रूप से बोकारो के जरीडीह के रहनेवाले हैं. हालांकि हरमू हाउसिंग कॉलोनी में भी उनका मकान है. गिरफ्तारी के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. निगरानी के अफसरों के मुताबिक सोलर लाइट खरीदने का आदेश जयपुर की कंपनी रील को दिया गया था. जरेडा की ओर सेकंपनी के किसी सुमित अग्रवाल के साथ एग्रीमेंट किया गया था, जो फरजी था.
जिस स्टॉप पेपर पर एग्रीमेंट हुआ था, उसकी खरीदारी 16 मार्च 2006 को हुई थी. लेकिन सुमित अग्रवाल नामक व्यक्ति के साथ एग्रीमेंट 24 जनवरी 2006 को दिखाया गया था. इसी जाली एग्रीमेंट के आधार पर जरेडा ने हैदराबाद की कंपनी पीपीएस इनवायरों प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी के साथ सोलर लाइट की खरीदारी की. इसके एवज में बानेश्वर महतो ने पीपीएस कंपनी को चेक के माध्यम से 65 लाख का भुगतान किया था. चेक पर बानेश्वर महतो का हस्ताक्षर भी है.
उल्लेखनीय है सोलर लाइट खरीद घोटाले में निगरानी ने जरेडा के पूर्व निदेशक संजय सिन्हा, बानेश्वर महतो सहित 11 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है. अनुसंधान डीएसपी मिथिलेश कुमार कर रहे हैं. उन्हें बुधवार को सूचना मिली कि बानेश्वर महतो आइआइम परिसर पहुंचे हुए हैं. इसी सूचना पर डीएसपी ने छापेमारी कर उन्हें गिरफ्तार किया. हालांकि बानेश्वर महतो का कहना है वह निदरेष हैं.
करीबी दुकानदार को दी थी सोलर लाइट
निगरानी के अफसरों के अनुसार बानेश्वर महतो ने 23 जुलाई, 2003 और 14 जुलाई 2003 को 12 बोल्ट की 95 पीस सोलर लालटेन सॉल्यूशन फोर एनर्जी एंड लाइट नामक दुकान, आरजी स्ट्रीट थड़पखना (डीबी पैलेस) को आपूर्ति करने का आदेश अपने स्टोरकीपर कामेश्वर यादव को दिया, जबकि सोलर लाइट का वितरण ग्रामीण इलाके के लोगों के बीच करना था. निगरानी के अधिकारियों को यह भी पता चला है कि कंपनी का संचालक बानेश्वर महतो का करीबी है. कंपनी के संचालक ने सोलर लाइट ज्यादा दर पर या तो बाजार में बेच दिया या तो उसने उसी लाइट को दोबारा जरेडा को आपूर्ति कर दी.