फिर फंसा एंबुलेंस-108 फैब्रिकेशन का काम
स्वास्थ्य विभाग ने विधि विभाग से ली राय, अब सरकार करेगी फैसला रांची : एंबुलेंस सेवा डायल-108 का टेंडर चार बार रद्द होने के बाद अब पांचवीं बार निकला टेंडर भी वैधानिक मामलों में फंस गया है. टेक्निकल बिड खुलने के बाद दो कंपनियों ने क्वालिफाइ किया. बाद में पता चला कि इसमें से एक […]
स्वास्थ्य विभाग ने विधि विभाग से ली राय, अब सरकार करेगी फैसला
रांची : एंबुलेंस सेवा डायल-108 का टेंडर चार बार रद्द होने के बाद अब पांचवीं बार निकला टेंडर भी वैधानिक मामलों में फंस गया है. टेक्निकल बिड खुलने के बाद दो कंपनियों ने क्वालिफाइ किया. बाद में पता चला कि इसमें से एक कंपनी का अर्नेस्ट मनी संबंधी विवरण निर्धारित परफॉर्मा में नहीं है.
मामला कानूनी होने के कारण टेंडर की फाइल विधि विभाग की राय के लिए भेजी गयी. विधि विभाग ने इसे अटॉर्नी जनरल के पास भेजा. अटॉर्नी जनरल ने सलाह दी कि निर्धारित परफॉर्मा नहीं होने के कारण टेंडर लीगल वैलिड नहीं होगा. अब संबंधित फाइल वापस मिलने पर टेंडर कमेटी ने इस पर आगे निर्णय के लिए विभाग के अपर मुख्य सचिव के पास भेज दिया है.
अब क्या हो सकता है
जानकारों के अनुसार विभाग संबंधित मामले में खुद भी निर्णय ले सकता है या फिर इसे मुख्य सचिव के पास भेजा जायेगा. वैधानिक प्रावधानों के आधार पर यदि एक कंपनी को अयोग्य माना गया, तो टेंडर सिंगल हो जायेगा. ऐसे में ज्यादा संभावना इस बात की है कि सरकार पूरी टेंडर प्रक्रिया को रद्द कर दे. पहले हो चुके विलंब को देखते हुए सरकार सिंगल टेंडर को मान्य भी कर सकती है.
क्यों रद्द होता रहा है टेंडर
पहली बार : सिंगल पार्टी टेंडर हो जाने से टेंडर रद्द
दूसरी बार : फैब्रिकेशन वर्क की लागत झारखंड ने इतनी तय कर दी कि केंद्र ने इसे अमान्य कर दिया
तीसरी बार : टेंडर में शामिल कंपनियों के तय तकनीकी मापदंड को पूरा न कर पाने के कारण टेंडर रद्द
चौथी बार : एल-टू कंपनी (बाफना हेल्थ केयर प्रा.लि. फरीदाबाद) ने टेंडर निष्पादन को हाइकोर्ट में चुनौती दे दी, टेंडर रद्द
पांचवीं बार : टेंडर निर्धारित परफॉर्मा में भरा नहीं होने से कानूनी समस्या आ गयी है
अौर विलंब होगा
टेंडर रद्द हुआ., तो छठी बार टेंडर निकालने सहित पूरी प्रक्रिया में कम से कम तीन माह का वक्त लग सकता है. इससे एंबुलेंस में उपकरण लगाने (फैब्रिकेशन) के काम में अौर विलंब होगा. यह सेवा नेशनल हाइवे सहित राज्य की मुख्य सड़कों पर सड़क दुर्घटना तथा अन्य आपात स्थिति के लिए शुरू की जानी है. कुल 329 एंबुलेंस राज्य भर में चलाये जाने हैं. गौरतलब है कि सरकार ने जिकिजा हेल्थ केयर लिमिटेड को एंबुलेंस सहित इसके कॉल सेंटर (108) के संचालन का काम दिया है.