उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि आइसीएसइ बोर्ड 2018-19 सत्र से नयी व्यवस्था शुरू कर रहा है. इसके जरिये बच्चों के प्री स्कूलिंग कक्षा प्रेप से लेकर पांचवीं और कक्षा छह से लेकर आठवीं तक की पढ़ाई का मूल्यांकन किया जायेगा. पांचवीं और आठवीं कक्षा के लिए प्रश्न पत्र भी बोर्ड से ही दिये जायेंगे और मैट्रिक और आइएससी की तर्ज पर काॅपियों की जांच भी होगी. जिन विषयों में बच्चों को कम अंक आयेंगे, उनके लिए विशेष कक्षाएं आयोजित करने की कोशिश की जायेगी.
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पांचवीं और आठवीं कक्षा के लिए अब आइसीएसइ बोर्ड लेगा विशेष परीक्षा
रांची: आइसीएसइ बोर्ड से संबद्ध स्कूलों में अगले सत्र से पांचवीं और आठवीं कक्षा के लिए विशेष परीक्षा ली जायेगी. यह परीक्षा अंगरेजी, विज्ञान, गणित और सामाजिक विज्ञान विषयों की होगी. आइसीएसइ के विशेष कार्यपालक सह बोर्ड के सचिव गैरी अराथून ने इस संबंध में सभी संबद्ध विद्यालयों को पत्र लिखा है. उन्होंने अपने पत्र […]
रांची: आइसीएसइ बोर्ड से संबद्ध स्कूलों में अगले सत्र से पांचवीं और आठवीं कक्षा के लिए विशेष परीक्षा ली जायेगी. यह परीक्षा अंगरेजी, विज्ञान, गणित और सामाजिक विज्ञान विषयों की होगी. आइसीएसइ के विशेष कार्यपालक सह बोर्ड के सचिव गैरी अराथून ने इस संबंध में सभी संबद्ध विद्यालयों को पत्र लिखा है.
श्री अराथून ने कहा कि बोर्ड की तरफ से आयोजित इस परीक्षा के लिए छात्रों को किसी तरह की विशेष तैयारी करने की जरूरत नहीं है. बच्चों ने जिन विषयों का अध्य्यन किया है, उसी पर आधारित प्रश्न पूछे जायेंगे, ताकि उनकी मानसिक क्षमता और शिक्षा के प्रति उनके समर्पण का पता लगाया जा सके. उन्होंने कहा कि अगले वर्ष से सभी स्कूलों में एक समान पाठ्यक्रम लागू होगा. कक्षा नर्सरी से लेकर कक्षा दसवीं तक के पाठ्यक्रम पूरे देश में एक ही होंगे. स्कूलों को यह छूट दी जायेगी कि वे अपने हिसाब से पाठ्यक्रम तैयार करें. उन्होंने अपने पत्र में यह भी कहा है कि कक्षा एक से लेकर आठवीं तक परफारमिंग आर्ट्स, योगा और फिजिकल एजुकेशन कंपलसरी विषय होंगे, जबकि पांचवीं से लेकर आठवीं तक संस्कृत वैकल्पिक विषय के रूप में पढ़ाया जायेगा.
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