पोषाहार की आपूर्ति कौन करेगा, तय नहीं

रांची: राज्य भर के आंगनबाड़ी केंद्रों में तीन कंपनियों द्वारा रेडी-टू-इट (पैकेट बंद) पोषाहार आपूर्ति करने की तीन वर्ष की समय सीमा 30 जून को समाप्त हो गयी है. फिर भी सरकार अब तक यह निर्णय नहीं कर सकी है कि आगे पोषाहार की आपूर्ति कौन करेगा. इस संबंध में निर्णय उच्च स्तर पर लंबित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 5, 2017 7:24 AM
रांची: राज्य भर के आंगनबाड़ी केंद्रों में तीन कंपनियों द्वारा रेडी-टू-इट (पैकेट बंद) पोषाहार आपूर्ति करने की तीन वर्ष की समय सीमा 30 जून को समाप्त हो गयी है. फिर भी सरकार अब तक यह निर्णय नहीं कर सकी है कि आगे पोषाहार की आपूर्ति कौन करेगा. इस संबंध में निर्णय उच्च स्तर पर लंबित है.

इधर पोषाहार वितरण रुकने से संभावित बवाल के मद्देनजर अब भी संबंधित कंपनियों से पोषाहार की आपूर्ति करायी जा रही है. मुख्यमंत्री ने कई बार कहा है कि महिला मंडलों को पोषाहार आपूर्ति का काम दिया जाना चाहिए. इधर, समाज कल्याण विभाग ने इस मामले में निर्णय के लिए जो फाइल भेजी है, वह उच्च स्तर पर लंबित है. इस संबंध में पूछे जाने पर समाज कल्याण सचिव एमएस भाटिया ने कहा कि फाइल अभी प्रक्रियाधीन है. पोषाहार संबंधी फाइल में दोनों विकल्प का जिक्र है. या तो महिला मंडलों को पोषाहार आपूर्ति का जिम्मा दिया जाये या फिर अभी आपूर्ति कर रही कंपनियों को ही अल्प काल का समय विस्तार दिया जाये. पर अभी इस पर कोई निर्णय नहीं हुआ है.

मामला संवेदनशील होने के कारण विभागीय अधिकारी असमंजस में हैं. उन्हें डर है कि बगैर किसी आदेश-निर्देश के अभी हो रही रेडी-टू-इट पोषाहार आपूर्ति का भुगतान करने में परेशानी हो सकती है. गौरतलब है कि रेडी-टू-इट खाद्य राज्य भर के सभी 38432 आंगनबाड़ी केंद्रों पर छह माह से तीन वर्ष तक के बच्चों सहित गर्भवती व धात्री महिलाओं को उपलब्ध कराया जा रहा है. बच्चों को पंजिरी, जबकि गर्भवती व धात्री महिलाअों को उपमा दिया जाता है.
तीन कंपनियां कर रही आपूर्ति
मेसर्स आदित्य फ्लोर मिल बोकारो, मेसर्स इंटरलिंक फूड्स प्रालि दिल्ली व मेसर्स कोटा दाल मिल, कोटा (राजस्थान) राज्य के अलग-अलग जिलों में पोषाहार की आपूर्ति कर रहे हैं. बच्चों, गर्भवती व धात्री महिलाओं के लिए पैकेट बंद खाद्य क्रमश: नारंगी, गुलाबी व हरे रंग के पैकेट में वितरित होता है. इसमें 750 तथा 900-900 ग्राम पंजरी तथा फोर्टिफाइड न्यूट्रो उपमा होता है. लाभुक बच्चों को हर रोज 125 ग्राम तथा गर्भवती व धात्री महिलाओं को 150-150 ग्राम प्रतिदिन के हिसाब से अधिकतम 25 दिनों के लिए हर माह चार-चार पैकेट खाद्य उपलब्ध कराया जाता है. सिर्फ रेडी-टू-इट पोषाहार वितरण पर सरकार प्रति माह करीब 45 करोड़ रुपये खर्च करती है.
किस कंपनी की कहां आपूर्ति
मेसर्स आदित्य फ्लोर मिल बोकारो : बोकारो, रामगढ़, कोडरमा, लोहरदगा, पलामू, गढ़वा व लातेहार.
मेसर्स इंटरलिंक फूड्स प्रालि दिल्ली : रांची, खूंटी, गुमला, सिमडेगा, पू सिंहभूम, प सिंहभूम व सरायकेला.
मेसर्स कोटा दाल मिल राजस्थान : हजारीबाग, धनबाद, गिरिडीह, चतरा, दुमका, जामताड़ा, पाकुड़, गोड्डा, साहेबगंज व देवघर.

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