आज से जमा होगा होल्डिंग टैक्स
राहत की बात. नगर आयुक्त के आदेश के बाद ऊहापोह खत्म पिछले 16 दिनों से होल्डिंग टैक्स को लेकर चल रहा ऊहापोह दूर हो गया है. बुधवार को नगर आयुक्त शांतनु अग्रहरि ने आदेश जारी किया, जिसमें कहा गया है कि शहरवासी गुरुवार से पूर्व की भांति अपने होल्डिंग टैक्स जमा कर सकते हैं. इसके […]
राहत की बात. नगर आयुक्त के आदेश के बाद ऊहापोह खत्म
पिछले 16 दिनों से होल्डिंग टैक्स को लेकर चल रहा ऊहापोह दूर हो गया है. बुधवार को नगर आयुक्त शांतनु अग्रहरि ने आदेश जारी किया, जिसमें कहा गया है कि शहरवासी गुरुवार से पूर्व की भांति अपने होल्डिंग टैक्स जमा कर सकते हैं. इसके लिए कई वैकल्पिक व्यवस्थाएं भी की गयी हैं.
रांची : नगर आयुक्त शांतनु अग्रहरि ने अपने आदेश में कहा है कि होल्डिंग टैक्स जमा करने के लिए रांची नगर निगम कार्यालय और डोरंडा में जन सुविधा केंद्र बनाये गये हैं. दोनों जगहाें पर नगर निगम के कर्मचारी बैठेंगे. शहरवासी इन दोनों जगहों पर होल्डिंग टैक्स जमा कर सकते हैं. नगर आयुक्त ने बताया कि होल्डिंग टैक्स जमा करने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था भी की गयी है. लोग राजधानी में स्थित आइसीआइसीआइ बैंक की 13 शाखाओं में भी होल्डिंग टैक्स जमा कर सकते हैं. इच्छुक भवन मालिक नगर निगम द्वारा दिये गये सेल्फ असेसमेंट मेमो को बैंक में जमाकर टैक्स का भुगतान कर सकते हैं. इसके अलावा रांची नगर निगम की वेबसाइट www.ranchimunicipal.com पर ऑनलाइन होल्डिंग टैक्स जमा किया जा सकता है.
नगर विकास मंत्री ने 19 जून को लगायी थी रोक
राजधानी में होल्डिंग टैक्स कलेक्शन का काम स्पैरो साॅफ्टटेक को दिया गया था. नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने 19 जून के रात्रि को प्रेस कांफ्रेस कर राज्य के विभिन्न नगर निकायों में आउटसोर्सिंग से टैक्स वसूली किये जाने के कार्य पर रोक लगा दी थी.
अब भी अनसुलझे हैं कई सवाल
पहला सवाल : नगर निगम द्वारा पूर्व में चयनित एजेंसी स्पैरो साॅफ्टटेक ने राजधानी के 1.41 लाख घराें से होल्डिंग टैक्स वसूला था. इनमें से केवल 90 हजार घरों को ही निगम ने रसीद उपलब्ध कराया है. बाकी 51 हजार घरों को रसीद नहीं मिली है. अब इन लोगों को होल्डिंग टैक्स भुगतान का रसीद कैसे मिलेगा?
दूसरा सवाल : रांची नगर निगम में 2000 से अधिक लोगों ने पानी के कनेक्शन के लिए आवेदन दिया है. आवेदन के साथ ऐसे लोगों ने स्पैरो सॉफ्टटेक के काउंटर में निर्धारित फीस भी जमा की है, लेकिन अब तक इनके आवेदन लंबित हैं. सवाल यह है कि इन आवेदकों को पानी का कनेक्शन कैसे मिलेगा?
तीसरा सवाल : करीब 2000 लोगों ने ट्रेड लाइसेंस लेने के लिए नगर निगम में आवेदन दिया था. आवेदन के साथ लाइसेंस फीस भी स्पैरो सॉफ्टटेक के काउंटर पर जमा किया गया था. कंपनी के कार्य पर रोक लगाये जाने के कारण ऐसे आवेदन अब तक पेंडिंग है. ऐसे लोगों को लाइसेंस कैसे दिया जायेगा?