जानिए क्‍यों समाज ने सुनायी युवती के कान काट लेने की सजा

अंधविश्वास. घर की मरम्मत करने छप्पर पर चढ़ गयी थी, समाज ने अपशकुन माना रांची/मांडर : समाज में फैले अंधविश्वास की वजह से लोगों को प्रताड़ित करने का फिर एक मामला सामने आया है. घर के छप्पर पर चढ़ने के जुर्म में एक अंधविश्वास के तहत गुरुवार को युवती की कान काटने की सजा समाज […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 7, 2017 7:39 AM
अंधविश्वास. घर की मरम्मत करने छप्पर पर चढ़ गयी थी, समाज ने अपशकुन माना
रांची/मांडर : समाज में फैले अंधविश्वास की वजह से लोगों को प्रताड़ित करने का फिर एक मामला सामने आया है. घर के छप्पर पर चढ़ने के जुर्म में एक अंधविश्वास के तहत गुरुवार को युवती की कान काटने की सजा समाज द्वारा सुनायी जानी थी. इससे पहले युवती ने बुधवार को कीटनाशक खाकर जान देने का प्रयास किया. युवती की स्थिति गंभीर बनी हुई है. उसे बुधवार की रात एक निजी अस्पताल में इलाज कराने के बाद गुरुवार को मांडर रेफरल अस्पताल में भरती किया गया है. मामला ब्रांबे गांव का है.
बताया जा रहा है कि युवती अपने घर में विधवा मां के साथ रहती है. लगातार बारिश होने के कारण छप्पर से पानी घर के अंदर पहुंच जा रहा था. घर में किसी पुरुष सदस्य के नहीं होने के कारण युवती घर की मरम्मत करने के लिए छप्पर पर चढ़ गयी थी. वह 30 जून को ही घर के छप्पर पर चढ़ी थी, जिसे कुछ लोगों ने देख लिया. इसके बाद पूरे गांव में यह बात आग की तरह फैल गयी.
कुछ गांव में अब भी यह अंधविश्वास है कि बकरी या किसी महिला का घर के छप्पर पर चढ़ने से अपशकुन होता है. इस अपशकुन को दूर करने के लिए दोषी का कान काट कर खून देखना जरूरी होता है. इसी अंधविश्वास के तहत दूसरे दिन गांव के कुछ लोग युवती के घर पहुंच गये और उसे यह फरमान सुनाया कि छह जुलाई को गांव में बैठक होगी, जहां छप्पर पर चढ़ने के जुर्म की उसे सजा दी जायेगी. इस वजह से युवती ने जान देने की नीयत से बुधवार की शाम घर में रखे मच्छर भगानेवाले कई क्वाइल खा लिये. मामले की सूचना मांडर पुलिस को भी दे दी गयी है.

Next Article

Exit mobile version