पटना: राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने बुधवार (5 जुलाई) को अपनी पार्टी के स्थापना दिवस समारोह के दौरान अपने जेल जाने की आशंका कार्यकर्ताओं के सामने व्यक्त की थी. इसके ठीक एक दिन बाद ही शुक्रवार को सीबीआइ की बड़ी कार्रवाई लालू प्रसाद के पटना स्थित सरकारी आवास 10-सर्कुलर रोड पर हुई. सुबह करीब सात बजे सीबीआइ के करीब 25 अधिकारियों की विशेष टीम उनके आवास पर पहुंची और पहले पूरे घर को सील करने के बाद गहन छापेमारी शुरू की.
प्राप्त सूचना के अनुसार, इस विशेष टीम में पटना, हिमाचल प्रदेश और पश्चिम बंगाल के चुनिंदा अधिकारी भी शामिल हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पहले सीबीआइ की टीम ने आवास में मौजूद पूर्व सीएम राबड़ी देवी, डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रसाद यादव, स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव समेत अन्य सभी सदस्यों को निकाल कर बाहर बने बैठक स्थल पर बैठा दिया. इसके बाद पूरे घर की गहन तलाशी शुरू की. एक-एक कमरे और एक-एक सामान की तलाशी ली गयी.
डिलाइट कंपनी के बारे में सवाल
सीबीआइ की टीम ने तलाशी के साथ-साथ डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रसाद यादव, पूर्व सीएम राबड़ी देवी समेत अन्य लोगों से घंटों पूछताछ की. इनसे सबसे पहले उस डिलाइट मार्केटिंग कंपनी के बारे में पूछताछ हुई, जिसके नाम के साथ-साथ मालिकाना हक 2014-15 में आकर बदल गया. वर्तमान में इसका नाम ‘लारा प्रोजेक्ट्स एलएलपी’ (लारा का मतलब लालू-राबड़ी है) कर दिया गया और इसका मालिकाना हक पहले राज्यसभा सांसद प्रेमचंद गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता के नाम पर था, जो बाद में बदल कर राबड़ी देवी और तेजस्वी प्रसाद यादव के नाम पर हो गया. इसी कंपनी के नाम पर 10 प्लॉट ट्रांसफर किये गये थे, जिनमें पटना में बने रहे मॉल वाली जमीन के अलावा नयी दिल्ली, गुड़गांव, रांची समेत अन्य स्थानों पर मौजूद प्लॉट शामिल हैं. कंपनी के नाम पर जमीन उस समय दान दी गयी थी, जब लालू प्रसाद रेल मंत्री थे. उस समय यह कंपनी डिलाइट मार्केटिंग ही थी. 12-13 साल बाद इस पूरी कंपनी को ही इसकी पूरी परिसंपत्ति के साथ राबड़ी यादव और तेजस्वी यादव के नाम पर ट्रांसफर कर दिया गया.
पटना में तीन स्थानों पर एक साथ छापा : सीबीआइ की टीम ने लालू प्रसाद और विजय व विनय कोचर के अलावा इनसे जुड़े सीए तथा इस मामले में आरोपी बनाये गये अन्य अभियुक्तों के यहां भी शुक्रवार को एक साथ छापेमारी की. पटना में तीन स्थानों पर छापेमारी हुई. इनमें राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, पूर्व सीएम राबड़ी देवी और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का सरकारी आवास 10, सर्कूलर रोड के अलावा विजय एवं विनय कोचर के होटल चाणक्या (आर ब्लॉक के पास) और दिल्ली स्थित सीए मनोज अग्रवाल के एक पटना स्थित एक एसोसिएट के यहां भी छापेमारी हुई.
पुरी में होटल से कई कागजात जब्त
भुवनेश्वर. शुक्रवार करीब सुबह आठ बजे सीबीआइ की सात सदस्यीय टीम ने पुरी के बीएनआर चाणक्य होटल पर जाकर छापा मारा . इस दौरान उन्होंने वहां के कागजातों की जांच की. सीबीआइ अधिकारी लगभग चार घंटे होटल में रहे. होटल के मैनेजर ने कहा किजांच में उन्होंने सीबीआइ को पूर्ण रूप से सहयोग किया. सीबीआइ के अधिकारियों ने उनसे जो कागजात मांगे और जो उनके पास उपलब्ध था, उन्होंने दे दिया. सीबीआइ टीम ने उनसे आईआरसीटीसी के साथ उनके एग्रीमेंट की प्रति मांगी, जिसे उन्होंने उपलब्ध कराया. सीबीआइ अधिकारियों ने आगंतुकों की सूची मांगी थी . उसे भी उन्होंने अधिकारियों को उपलब्ध करा दिया गया.
पत्रकार के साथ राजद समर्थकों की झड़प
लालू प्रसाद के आवास पर सीबीआइ की छापेमारी का कवर करने गये एक निजी चैनल के वरिष्ठ पत्रकार से लालू समर्थकों की झड़प हुई. शाम करीब साढ़े पांच बजे राजद समर्थकों ने उनके साथ अभद्र व्यवहार किया. समर्थकों का आरोप था कि खास चैनल पर लालू प्रसाद के खिलाफ एक तरफा खबर दी जा रही है. लालू प्रसाद के आवास पर सुबह से ही पत्रकारों की भीड़ उमड़ पड़ी थी. इसी क्रम में दोपहर में एक निजी चैनल के पत्रकार वहां से लाइव रिपोर्टिंग करने पहुंचे थे. इधर लालू समर्थक भी वहीं खड़े थे. इसी बीच किसी बात को लेकर समर्थकों ने कुछ कहा, जिसको लेकर दोनों ओर से बहस शुरू हो गयी. इसके बाद राजद समर्थकों ने लालू के समर्थन में नारेबाजी शुरू दी और उनका बहिष्कार करना शुरू किया. इसी तरह की बात कुछ अन्य मीडिया कर्मियों के साथ हुई, जो वहां से लाइव रिपोर्टिंग कर रहे थे. रांची से पटना पहुंचने के बाद जब लालू प्रसाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे, तो उसमें भी एक खास चैनल की महिला रिपोर्टर का बहिष्कार उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने किया. यहां तक कि रिपोर्टर के सवाल पर उसके चैनल को एंटी नेशनल चैनल तक कह दिया.
छापेमारी के बाद संकट में राजद, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी की बढ़ीं मुश्किलें
नयी दिल्ली/पटना. राजद प्रमुख लालू प्रसाद पर दूसरी बार इस प्रकार का संकट आया है, जब उनके बाद पार्टी को संभालने वाले उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव को भी बेनामी संपत्ति मामले में लालू प्रसाद, राबड़ी देवी के साथ अभियुक्त बनाया गया है. सीबीआइ की ओर से लालू प्रसाद के बड़े पुत्र व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव को आरोपित नहीं बनाया गया है. लालू प्रसाद व तेजस्वी प्रसाद के बाद इस वसीयत को कौन संभालेगा. यह बड़ा संकट है. लालू प्रसाद ने एक प्रकार से उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद की पार्टी में भूमिका बढ़ा दी है. इसी के तहत उनको सरकार में उपमुख्यमंत्री के पद के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण विभाग सौंपे गये हैं. साथ ही पार्टी की ओर से राजगीर में आयोजित राष्ट्रीय अधिवेशन और पार्टी की स्थापना दिवस समारोह में उनकी भूमिका दूसरे नंबर पर दिख रही है.
सवाल यही उठता है कि पार्टी की कमान आखिर किसको सौंपा जायेगा. उनके बड़े पुत्र तेज प्रताप यादव को जिम्मेवारी सौंपी जाती है, तो वह पार्टी को कितना संभाल पायेंगे. क्या पार्टी चलाने की जिम्मेवारी उनकी बेटी मीसा भारती को मिल सकती है. हालांकि, मीसा भारती पर भी आय से अधिक संपत्ति का मामला चल रहा है. मालूम हो कि पहली बार जब सीबीआइ की ओर से लालू प्रसाद को अभियुक्त बनाया गया था, तो उस समय लालू प्रसाद ने पार्टी और सरकार की कमान अपनी पत्नी राबड़ी देवी को सौंप दी थी. तब लालू प्रसाद मुख्यमंत्री थे. अभी राजद की बहुमत की सरकार नहीं है. सवाल है जिसका उत्तर अभी भविष्य के गर्त में छिपा है.
जब छापा पड़ा तब रांची में थे लालू प्रसाद
2003 में होटल हैंडओवर किये गये, मैं एक साल बाद मंत्री बना
रांची. लालू प्रसाद ने बताया कि आइआरसीटीसी का गठन वर्ष 1999 में हुआ था. उस वक्त वह न तो रेल मंत्री थे और न ही कैबिनेट में थे. तब एनडीए की सरकार थी और अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे. वर्ष 2002 में आइआरसीटीसी ने काम करना शुरू किया. इसके बाद वर्ष 2003 में हावड़ा, रांची व पुरी के होटलों व यात्री निवास को आइआरसीटीसी को हैंडओवर किया गया. लालू के मुताबिक, वह 31 मार्च, 2004 में रेलमंत्री बने. उससे पहले सारे होटल हैंडओवर हो चुके थे. उस समय सारे होटलों की हालत खराब थी. गाय-भैंस घूमते थे. वर्ष 2006 में ओपन टेंडर हुआ. जिसकी ज्यादा बाेली थी, उसे काम मिला. हमने नियमसंगत कार्य किया है. किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी नहीं हुई है. मैं निर्दोष हूं. हमने कोई गलत काम नहीं किया है. हमने घाटे को मुनाफा में बदलने का काम किया. उन्होंने कहा कि भाजपा हटाओ, देश बचाओ अभियान से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी घबरा गये हैं. लेकिन, उन्हें यह नहीं मालूम कि लालू मिट्टी मे मिल जायेगा, पर भाजपा की इन गीदड़भभकियों से डरने वाला नहीं है. मोदी की विदाई तय है. उन्होंने सीबीआइ की छापेमारी को राजनीतिक साजिश बताया.
लालू प्रसाद शुक्रवार को यहां कोर्ट में पेशी के बाद राजकीय अतिथिशाला में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने कहा कि 27 जुलाई को रैली को रोकने की साजिश रची जा रही है. पर, लालू रूकने वाला नहीं है. हम अपने रास्ते पर हैं. केंद्र सरकार हमें डराने की कोशिश कर रही है.
तेजस्वी का इस्तीफा मांगना दोहरा मापदंड : शिवानंद
पटना. पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी ने कहा कि सीबीआइ की छापेमारी के बाद भाजपा उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव का इस्तीफा मांग कर दोहरा मापदंड अपना रही है. उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद के आवास पर सीबीआइ की छापेमारी की मुख्य वजह 27 अगस्त की भाजपा भगाओ रैली है. उन्होंने कहा कि जिस मामले में छापेमारी हुयी है वह रेल विभाग से संबंधित है. उन्होंने कहा कि आठ-नौ वर्ष पहले हमलोगों ने इस मामले को उजागर किया था. बाद में तत्कालीन प्रधानमंत्री को ज्ञापन देकर इस मामले की जांच कराने की मांग की गयी थी. लेकिन, मामला जांच के लायक नहीं पाया गया था. तीन वर्ष से दिल्ली में नरेंद्र मोदी सरकार है. आज के पहले इन तीन वर्षों में मोदी सरकार ने इस मामले की ओर देखा भी नहीं. उन्होंने कहा कि भाजपा की नेत्री उमा भारती अभी भी मंत्री बनी हुई हैं. जबकि, उनके खिलाफ बाबरी विध्वंस का मुकदमा सीबीआइ की विशेष अदालत में दर्ज है.
वामदलों ने कहा, बदले की कार्रवाई है छापेमारी
पटना. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के घर शुक्रवार को सीबीआइ की छापेमारी की वामदलों ने निंदा की है. उन्होंने इसे बदले की कार्रवाई बताया है. भाकपा, माकपा और माले नेताओं ने कहा है कि भाजपा में भी कई नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं, लेकिन उनपर कोई कार्रवाई नहीं हो रही. वहीं नरेंद्र मोदी का विरोध करने वाले दलों के नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है. इसके लिए उन्होंने केंद्र की भाजपा सरकार को जिम्मेवार ठहराया.भाकपा राज्य सचिव सत्यनारायण सिंह, माकपा राज्य सचिव अवधेश कुमार और माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि देश में भ्रष्टाचारियों की कमी नहीं है. मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान व्यापम घोटाले के आरोपी हैं. छत्तीसगढ़ के सीएम रमन सिंह पर मिड-डे मील घोटाले का आरोप है. गिरिराज सिंह के घर भी छापेमारी में करोड़ों रुपये बरामद हुए. इन नेताओं पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही?
डाभ पीकर गये कोर्ट, आकर खाया दाल-भात और बैंगन का चोखा
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की शुक्रवार को कोर्ट में पेशी होनी थी. वे तड़के ही उठ गये और फ्रेश होकर चाय मंगायी. उसी दौरान पार्टी नेता भी धीरे-धीरे पहुंचने लगे थे. इनमें गढ़वा के पूर्व विधायक गिरिनाथ सिंह, रामचंद्र सिंह चेरो और जनार्दन पासवान आदि शामिल थे. राजद सुप्रीमो ने वर्तमान राजनीतिक हालात पर चर्चा शुरू की. इसी दौरान उन्होंने डाभ मंगाया. इधर, नेताओं से मिलने का दौर भी जारी था. बिहार के विधायक भोला बाबू मिलने पहुंचे थे. काफी देर तक बातचीत होने के बाद करीब 10:20 बजे लालू प्रसाद कमरे से निकले और कोर्ट के लिए रवाना हो गये. उन्होंने हरे रंग का कुरता पहना था. चलते-चलते अपने लोगों को निर्देश भी दे रहे थे.
मिलने का दौर भी जारी रहा : सुबह से पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं का अाना शुरू हो गया था. कोडरमा की पूर्व विधायक अन्नपूर्णा देवी भी दोपहर 12 बजे राजकीय अतिथिशाला पहुंचीं. इससे पहले झाविमो नेता बंधु तिर्की भी वहां पहुंचे लेकिन, थोड़ी देर रुकने के बाद लौट गये.
अरे! ई… सबसे कुछ नहीं होगा, साहब टाइट हैं :
‘सुबह उठे, तो टीवी में देखा, बस भागे-भागे गेस्ट हाउस आ गये. देखा तो साहब एकदम टाइट हैं. ई… सबसे कुछ नहीं होने वाला है. केवल परेशान कर रहा है, ई… भाजपा वाला.’ शुक्रवार को राजकीय अतिथिशाला में कुछ इस तरह का माहौल था. राजद कार्यकर्ता जुटे थे. कुछ लोग मोबाइल पर न्यूज चैनल देख रहे थे, तो कुछ कार्यकर्ता आपस में बात कर रहे थे. सुबह 9:30 बजे से ही राजकीय अतिथिशाला में राजद कार्यकर्ताओं का जुटना शुरू हो गया था. कई कार्यकर्ताओं को, तो पता भी नहीं था कि आखिरकार हुआ क्या है? एक ने पूछा, अरे क्या हुआ है भाई? दूसरे ने कहा कि अरे, टीवी देखिये न, पता चल जायेगा. साहब के 12 ठिकानों पर छापामारी हो रही है. सुबह से ही चैनल में चल रहा है. अाप कैसे नहीं देखे हैं?. अतिथिशाला में चर्चा का बाजार गर्म था. कार्यकर्ता कभी कमरे पास जाते, तो कभी टेरेस पर खड़े होकर बातचीत करते. 10:20 बजे लालू प्रसाद कोर्ट के लिये रवाना हो गये. लेकिन, कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लगा रहा. लोग ग्राउंड फ्लोर पर लगे सोफे पर जमे रहे. 12:30 बजे श्री प्रसाद राजकीय अतिथिशाला पहुंचते हैं. उनके पहुंचते ही नेता और कार्यकर्ता फिर से सक्रिय हो गये. राजकीय अतिथिशाला में पूरे दिन गहमा-गहमी रही.
12:30 बजे वे वापस राजकीय अतिथिशाला
कोर्ट में पेशी के बाद दोपहर 12:30 बजे वे वापस राजकीय अतिथिशाला पहुंचे. आते ही थोड़ा आराम किया फिर दोपहर का भोजन किया. भोजन में उन्हें भात-रोटी के साथ आलू-पालक की सब्जी, पापड़, सलाद व दही के अलावा बैंगन और टमाटर का चोखा परोसा गया. हालांकि, बैंगन और टमाटर का चोखा उन्होंने खुद ही बनाया. वेटर उन्हें बैंगन पकाकर उसके साथ टमाटर, प्याज, मिर्च व नमक दे दिया था. दोपहर का खाना खाने के बाद उन्होंने आराम भी किया.
लालू प्रसाद की अोर से दो की गवाही दर्ज
रांची. सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत में आरसी 64ए/96 में बचाव पक्ष की अोर से गवाही चल रही है. शुक्रवार को लालू प्रसाद की अोर से दो गवाहों पवित्र पासवान अौर एजाज हुसैन की गवाही दर्ज हुई. पवित्र पासवान पीडब्ल्यूडी में एग्जीक्यूटिव इंजीनियर के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं, जबकि एजाज हुसैन पटना सिविल कोर्ट में अधिवक्ता हैं. पवित्र पासवान ने लालू की गोशाला से जुड़े मामले में सवालों के जवाब दिये. आरोप है कि लालू प्रसाद की गोशाला में एसी लगा हुअा है. गवाह ने कहा कि ऐसा नहीं है, उनकी गोशाला चारों अोर से खुली हुई है. एजाज हुसैन ने अपनी गवाही में लालू प्रसाद के पटना में आय से अधिक संपत्ति मामले में बरी होने से संबंधित जानकारी दी. अदालत ने इस मामले में अगली तिथि 13 जुलाई तय की है.