विरोध: नौकरी व मुआवजे की मांग, मालगाड़ी का ट्रायल रोका, रेलवे ट्रैक पर झंडा गाड़ा मालगाड़ी पीछे हटानी पड़ी

पिपरवार: सीसीएल पिपरवार क्षेत्र में नवनिर्मित राजधर साइडिंग के शनिवार को प्रस्तावित उदघाटन को लेकर शुक्रवार को मैक्लुस्कीगंज से पिपरवार तक मालगाड़ी चला कर ट्रायल किये जाने का ग्रामीणों ने विरोध किया. वर्षों से लंबित नौकरी व मुआवजे की मांग को लेकर सरैया के टानाभगतों ने रेलवे ट्रैक पर झंडा गाड़ दिया. रेलवे कर्मचारी उक्त […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 8, 2017 7:38 AM
पिपरवार: सीसीएल पिपरवार क्षेत्र में नवनिर्मित राजधर साइडिंग के शनिवार को प्रस्तावित उदघाटन को लेकर शुक्रवार को मैक्लुस्कीगंज से पिपरवार तक मालगाड़ी चला कर ट्रायल किये जाने का ग्रामीणों ने विरोध किया. वर्षों से लंबित नौकरी व मुआवजे की मांग को लेकर सरैया के टानाभगतों ने रेलवे ट्रैक पर झंडा गाड़ दिया.

रेलवे कर्मचारी उक्त झंडे को हटा कर मालगाड़ी ले जाने लगे, तो इसके विरोध में बड़ी संख्या में लोग जुट गये. पुलिस-प्रशासन की मुकम्मल व्यवस्था के बीच मालगाड़ी परिचालन के इस विरोध के आगे रेलवे कर्मचारियों की एक नहीं चली. मालगाड़ी को पीछे हटा कर खड़ा कर दिया. फिर ग्रामीणों से बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ.

विस्थापित टानाभगतों का कहना था कि प्रबंधन लंबित नौकरी व मुआवजे का भुगतान किये बिना जबरन मालगाड़ी चलाना चाह रहा है. सड़क, स्वास्थ्य, पानी, बिजली जैसी बुनियादी समस्याओं के प्रति प्रबंधन की उदासीनता को लेकर भी लोगों में नाराजगी देखी गयी. टानाभगतों का कहना था कि प्रबंधन उनका वाजिब हक देने के बाद अपना काम करे, इसमें कोई आपत्ति नहीं है.
आज होना है राजधर साइडिंग का उदघाटन: भारत सरकार के कोयला सचिव सुशील कुमार शनिवार को राजधर साइडिंग का उदघाटन करेंगे. मौके पर रेलवे हाजीपुर जोन व धनबाद मंडल के कई अधिकारी उपस्थित रहेंगे. कार्यक्रम को लेकर प्रबंधन की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है. सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था की गयी है.
सीसीए प्रबंधन का आश्वासन नकारा
सीसीएल के जीएम एलएंडआर श्री सिन्हा की मौजूदगी में पिपरवार जीएम एसएस अहमद के साथ टानाभगतों की वार्ता शुरू हुई. प्रबंधन के एक माह में नौकरी व मुआवजा देने के आश्वासन को टानाभगतों ने नकार दिया. सीसीएल के मुख्य सुरक्षा अधिकारी मेजर मनीष, पिपरवार के क्षेत्रीय सुरक्षा अधिकारी कैप्टन एमके सिंह, पिपरवार पीओ विमल कांत शुक्ला ग्रामीणों को मनाने में जुटे थे. समाचार लिखे जाने तक वार्ता जारी थी.

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