रांची विवि: दो महीने के अंदर तय होगी कम्यूनिटी रेडियो की फ्रिक्वेंसी, जनवरी से बजने लगेगा रेडियो खांची
रांची: रांची विश्वविद्यालय का कम्यूनिटी रेडियो खांची जनवरी 2018 में ऑन एयर हो सकता है. दो महीने में इसकी फ्रिक्वेंसी रांची विवि को एलॉट हो जायेगी और इसके बाद पूरा सेटअप तैयार किया जायेगा. पूरी तैयारी करने के बाद इसे ऑन एयर किया जा सकता है. बेसिक साइंस बिल्डिंग में कम्यूनिटी रेडियो खांची की शुरुआत […]
रांची: रांची विश्वविद्यालय का कम्यूनिटी रेडियो खांची जनवरी 2018 में ऑन एयर हो सकता है. दो महीने में इसकी फ्रिक्वेंसी रांची विवि को एलॉट हो जायेगी और इसके बाद पूरा सेटअप तैयार किया जायेगा. पूरी तैयारी करने के बाद इसे ऑन एयर किया जा सकता है. बेसिक साइंस बिल्डिंग में कम्यूनिटी रेडियो खांची की शुरुआत की जायेगी और यहीं से इसकी आवाज विद्यार्थियों के कानों तक पहुंचेगी. इसके लिए सरकार की ओर विवि को फंड मिलनेवाला है.
नये साल के पहले महीने से बजेगा रेडियो खांची
झारखंड के पांचों विश्वविद्यालय में सबसे पहले रांची विवि में कम्यूनिटी रेडियो की शुरुआत होने जा रही है. नये साल के पहले महीने से रेडियो खांच की गूंज पूरे कैंपस में सुनाई देगी. कम्यूनिटी रेडियो प्रोजेक्ट के डायरेक्टर डॉ आनंद ठाकुर ने बताया कि दो महीने के अंदर हमे फ्रिक्वेंसी एलॉट कर दी जायेगी. इसके साथ ही सेटअप लगाने के लिए सरकार की ओर से फंड भी मिलनेवाला है. इसके बाद बेसिक साइंस भवन के एक हॉल में कम्यूनिटी रेडियो के लिए एक स्टूडियो तैयार किया जायेगा, जहां से रेडिया खांची का प्रसारण किया जायेगा.
रांची विश्वविद्यालय का है पुराना प्रोजेक्ट
रांची विवि के कम्यूनिटी रेडियो खांची की नींव पूर्व प्रतिकुलपति डॉ वीपी शरण के समय में रखी गयी थी. इसके बाद इसे सेंट्रल लाइब्रेरी भवन में शुरू करना था. फंड मिलने के बाद इसे शुरू करने की पूरी तैयारी हो चुकी थी. सारी तैयारियों के बाद इस प्रोजेक्ट को रोक दिया गया. इसके बाद वर्तमान कुलपति डॉ रमेश कुमार पांडे ने इस प्रोजेक्ट को दुबारा शुरू किया और इसे शुरू करने को लेकर तेजी से काम कराया. इसका नतीजा है कि ये अब ऑन एयर होने जा रहा है.
चार से पांच महीने में रेडियो खांची के सेटअप की पूरी तैयारी कर ली जायेगी. इसके बाद हमारी तैयारी है कि जनवरी से रांची विवि का रेडियो खांची शुरू कर दिया जाये. इसके बाद विद्यार्थियों को इसकी आवाज मिलने लगेगी. रेडियो खांची की नींव पूर्व प्रोवीसी डॉ वीपी शरण के समय में रखी गयी थी. डॉ आनंद ठाकुर, निदेशक, सीआरएफ