बच्चे संस्कारी होंगे, तो देश बन सकता है विश्व गुरु : शिक्षा मंत्री
सरस्वती शिशु विद्या मंदिर. आचार्य सम्मान सह पत्रिका लोकार्पण रांची : देश की संस्कृति की झलक हमें सिर्फ विद्या भारती द्वार संचालित विद्यालयों में ही देखने को मिलती है. संस्कृति को बचाने एवं बढ़ाने में सरस्वती शिशु विद्या मंदिरों का बहुत बड़ा योगदान है. उक्त बातें शिक्षा मंत्री नीरा यादव ने शनिवार को सरस्वती शिशु […]
सरस्वती शिशु विद्या मंदिर. आचार्य सम्मान सह पत्रिका लोकार्पण
रांची : देश की संस्कृति की झलक हमें सिर्फ विद्या भारती द्वार संचालित विद्यालयों में ही देखने को मिलती है. संस्कृति को बचाने एवं बढ़ाने में सरस्वती शिशु विद्या मंदिरों का बहुत बड़ा योगदान है. उक्त बातें शिक्षा मंत्री नीरा यादव ने शनिवार को सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में आयोजित आचार्य सम्मान सह पत्रिका लोकार्पण कार्यक्रम में कही. नीरा यादव ने कहा कि बच्चे यदि संस्कारी होंगे, तो देश विश्व गुरु पुन: बन सकता है. अन्य विद्यालयों से सरस्वती शिशु विद्या मंदिर अलग है. यहां गुरु-शिष्य परंपरा, जीवन आदर्श की शिक्षा तथा व्यक्तित्व विकास की शिक्षा दी जाती है. होता है.
जैक अध्यक्ष अरविंद प्रसाद सिंह ने कहा कि हर सफल व्यक्ति के पीछे गुरु का अहम योगदान होता है. विद्यार्थी गुरु व माता-पिता के प्रति आदर का भाव व सम्मान रखें. भौतिकवाद में पड़ कर संस्कृति, आदर्श व संस्कार न भूलें. निफ्ट के निदेशक डॉ पार्थ प्रतिम चट्टोपाध्याय ने कहा कि जीवन के कठिन समय में जो साथ दे, वही गुरु है. मौके पर अरुणोदय पत्रिका के सप्तम संस्करण का विमोचन किया गया. इस अवसर पर अखिलेश्वर नाथ मिश्र, शक्तिलाल नाथ दास, डॉ उमा शंकर शर्मा, अनिल झा आदि उपस्थित थे.