सीबीएसइ में 228, पर झारखंड बोर्ड में 195 दिन ही होती है पढ़ाई, प्लस टू स्कूलों में सीबीएसइ स्कूलों से कम होती है पढ़ाई
रांची: राज्य के माध्यमिक व प्लस टू उच्च विद्यालयों में सीबीएसइ बोर्ड की तुलना में कम दिन पढ़ाई होती है. सीबीएसइ बोर्ड के स्कूलों में साल में 228 दिन तक पढ़ाई होती है, जबकि राज्य के स्कूलों में वर्ष में 190 से 195 दिन तक पढ़ाई होती है. ऐसे में राज्य के सरकारी स्कूलों में […]
रांची: राज्य के माध्यमिक व प्लस टू उच्च विद्यालयों में सीबीएसइ बोर्ड की तुलना में कम दिन पढ़ाई होती है. सीबीएसइ बोर्ड के स्कूलों में साल में 228 दिन तक पढ़ाई होती है, जबकि राज्य के स्कूलों में वर्ष में 190 से 195 दिन तक पढ़ाई होती है. ऐसे में राज्य के सरकारी स्कूलों में सीबीएसइ स्कूलों की तुलना लगभग एक माह कम पढ़ाई हाेती है. राज्य में मैट्रिक व इंटर की पढ़ाई को सीबीएसइ के अनुरूप करने की तैयारी की जा रही है. स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के निर्देश के अनुरूप जैक ने इसके लिए कमेटी गठित की है.
कमेटी ने अपनी समीक्षा में पाया कि राज्य के सरकारी स्कूलों में सीबीएसइ बोर्ड की तुलना में कम दिन पढ़ाई होती है. झारखंड एकेडमिक काउंसिल अपनी अनुशंसा स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग को भेजेगा. उल्लेखनीय है कि राज्य में प्लस टू स्तर पर सीबीएसइ का पाठ्यक्रम लागू है. सीबीएसइ का पाठ्यक्रम तो लागू है पर इसमें समय-समय पर होनेवाले बदलाव को लागू नहीं किया गया. स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग की सचिव ने जैक से मैट्रिक व इंटर के पाठ्यक्रम को सीबीएसइ के अनुरूप अपग्रेड करने को कहा था. जैक द्वारा इसके लिए विशेषज्ञ शिक्षकों की टीम बनायी गयी है. सीबीएसइ के पूरे पाठ्यक्रम, परीक्षा प्रणाली, कक्षा संचालन का अध्ययन कर कमेटी ने अपनी रिपोर्ट तैयार की है.
सरकारी स्कूलों में कम करना होगा अवकाश
सरकारी स्कूलों में सीबीएसइ के अनुरूप कक्षा संचालन के लिए अवकाश को कम करना होगा. जैक कमेटी द्वारा तैयार रिपोर्ट व अनुशंसा स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग को भेजेगा. इस पर अंतिम निर्णय सरकार लेगी. कमेटी ने समय-समय पर सीबीएसइ द्वारा पाठ्यक्रम व परीक्षा प्रणाली में की गयी सुधार की भी रिपाेर्ट तैयार की है. राज्य में परीक्षा प्रणाली में भी बदलाव किया जा सकता है. जैक इस माह कमेटी की रिपोर्ट विभाग को भेज देगा. विभाग की स्वीकृति के बाद झारखंड एकेडमिक काउंसिल द्वारा इसमें बदलाव किया जायेगा. उल्लेखनीय है कि स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने राज्य में कक्षा एक से आठ तक के पाठ्यक्रम में बदलाव किया है.