जापान से झारखंड के गांव पहुंची क्वालिटी सर्किल
केजीवीके रूक्का पहुंचे विभिन्न क्षेत्रों के ग्रामीण, बसंत कुमार झवर ने कहारांची : उषा मार्टिन के चेयरमैन (एमरिटस) व केजीवीके प्रेसिडेंट बसंत कुमार झवर ने कहा कि सतत विकास की जापानी प्रक्रिया काइजन, (जिसे गुणवत्ता समूह या क्वालिटी सर्किल कहा जाता है) को जापान से झारखंड के गांवों में पहुंचाने का काम केजीवीके ने किया […]
केजीवीके रूक्का पहुंचे विभिन्न क्षेत्रों के ग्रामीण, बसंत कुमार झवर ने कहा
रांची : उषा मार्टिन के चेयरमैन (एमरिटस) व केजीवीके प्रेसिडेंट बसंत कुमार झवर ने कहा कि सतत विकास की जापानी प्रक्रिया काइजन, (जिसे गुणवत्ता समूह या क्वालिटी सर्किल कहा जाता है) को जापान से झारखंड के गांवों में पहुंचाने का काम केजीवीके ने किया है.
केजीवीके टोटल विलेज मैनेजमेंट (टीवीएम) व क्वालिटी सर्किल के सहारे झारखंड के चुनिंदा गांवों में पी-4 यानी पब्लिक, प्राइवेट, पीपुल्स, पार्टनरशिप के माध्यम से गांवों के संपूर्ण विकास की दिशा में काम रहा. केजीवीके के टीवीएम मॉडल की सराहना अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम (आइएफसी) वाशिंगटन व योजना आयोग भारत सरकार ने भी की. श्री झवर ने केजीवीके रूक्का में पहुंचे ग्रामीणों को संबोधित करते हुए उक्त बातंे कही.
श्री झवर ने क्वालिटी सर्किल की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अमेरिकी प्रोफेसर डेनिम द्वारा विकसित क्वालिटी सर्किल को अपना कर जापान आर्थिक क्षेत्र में दुनिया का दूसरा सबसे ताकतवर देश बना.
भारत में 1991 से उदारीकरण का दौर आया. खुली व्यापार नीति का मुकाबला करने के लिए टाटा मोटर्स, महिंद्रा समेत भारत की लगभग सभी बड़ी कंपनियां क्वालिटी मूवमेंट से जुड़ीं. उषा मार्टिन समूह को इस मूवमेंट से जुड़ कर काफी फायदा हुआ. इस क्वालिटी मूवमेंट को अब घर-घर, गांव-गांव तक ले जाने की जरूरत है. केजीवीके द्वारा जिन गांवों में टीवीएम मॉडल व क्वालिटी सर्किल के तहत काम किया जाने लगा है, वहां फर्क अब साफ दिखने लगा है.