युवा चाहते हैं सरकारी नौकरी, सरकार ने एजेंसियों से कहा युवाओँ को रोजगार दें
रांची : किसी भी राज्य के विकास के युवाओं की भूमिका और उनके लिए अवसर की उपलब्धता मायने रखती है. झारखंड सरकार विकास के दावे कर रही है जबकि दूसरी तरफ युवा आज भी रोजगार के लिए निजी कंपनी, प्रशिक्षण संस्थान और गैर सरकारी एनजीओ पर निर्भर करते हैं. युवाओं के साथ- साथ अब सरकार […]
रांची : किसी भी राज्य के विकास के युवाओं की भूमिका और उनके लिए अवसर की उपलब्धता मायने रखती है. झारखंड सरकार विकास के दावे कर रही है जबकि दूसरी तरफ युवा आज भी रोजगार के लिए निजी कंपनी, प्रशिक्षण संस्थान और गैर सरकारी एनजीओ पर निर्भर करते हैं.
युवाओं के साथ- साथ अब सरकार भी इन्ही के भरोसे है. राज्य में रोजगार और कौशल विकास की ट्रेनिंग देने के लिए कई एनजीओ काम कर रहे हैं . सरकार ने इन सबसे साफ कह दिया है कि रोजगार भी दें प्रशिक्षण देनेवाली एजेंसियां नहीं ताे कार्रवाई होगी. नेशनल अरबन लिटरेसी मिशन (एनयूएलएम) की शुक्रवार को समीक्षा करते हुए नगर विकास विभाग के नागरीय निदेशक आशीष सिंहमार ने एजेंसियों को कार्रवाई की चेतावनी दी है.
उन्होंने कहा है कि जो पुरानी एजेंसिया हैं, वे छात्रों का प्रशिक्षण के बाद परीक्षा भी लें और रोजगार भी उपलब्ध करायें. ऐसा न करनेवाली एजेंसियों पर कार्रवाई की जायेगी. गौरतलब है कि एनयूएलएम के तहत नगर विकास विभाग में एक सौ एजेंसियां हैं, जो अलग-अलग ट्रेड में प्रशिक्षण दे रही हैं. इन एजेंसियों की हर शुक्रवार को नगरीय निदेशक समीक्षा करते हैं, जिसमें एजेंसी के प्रतिनिधि भी शामिल रहते हैं.
श्री सिंहमार ने कहा कि सरकार बच्चों को दक्ष बनाने के लिए बड़ी राशि खर्च कर रही है. चार किस्तों में राशि दी जाती है. ऐसा देखा जा रहा है कि बहुत सारी एजेंसियां केवल दो किस्त की राशि लेती है. तीसरा किस्त परीक्षा और चौथा किस्त रोजगार देने पर मिलता है. पर एजेंसियां दो किस्त ही ले रही है. उन्होंने एजेंसियों से सख्त लहजे में कहा कि यदि प्रशिक्षण का काम कर रहे हैं, तो रोजगार भी सुनिश्चित करें. सरकार पूरी किस्त का भुगतान करेगी. जो एजेंसिया ऐसा नहीं करेंगी, उन पर कार्रवाई भी की जायेगी. लगभग 28 पुरानी एजेंसियों को उन्होंने 31 जुलाई तक का समय दिया है.
ध्यान रहे कि सरकारी नौकरी के लिए तैयारी कर रहे कई छात्रों को अवसर नहीं मिल रहा. राज्य में शिक्षा विभाग समेत कई अहम विभागों में पद खाली है. कई स्कूलों में शिक्षकों की कमी के कारण रिजल्ट और बच्चों की शिक्षा पर असर पड़ रहा है. राज्य में जेपीएससी की हालत किसी से छुपी नहीं है. सरकारी नौकरी के लिए नियमों में बदलाव के कारण मामला कोर्ट में पड़ा है . युवाओं का भविष्य अधर में है ऐसे में सरकार की चेतावनी से युवाओं के कौशल में कितना विकास होगा, एजेंसियां रोजगार के कितने असवर उपलब्ध करा पायेंगी.