इचाक : सामुदायिक अस्पताल इचाक में भरती सुगिया देवी ढाई घंटे तक बुखार से तड़पती रही, लेकिन डॉक्टर नहीं आये. इलाज के अभाव में उसकी मौत हो गयी. उसकी मौत के 15 मिनट बाद डॉक्टर नीतू पहुंची और उन्होंने उसे मृत घोषित कर दिया. मृतका सुगिया देवी चंदवारा गांव की रहनेवाली थी. चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही से हुई मौत से नाराज लोगों ने पुलिस को शव ले जाने नहीं दिया.
शाम 6.30 बजे सिविल सर्जन डॉक्टर बी राम, डॉ एसआर दांग, पुलिस इंस्पेक्टर विजय सिंह अस्पताल पहुंचे. उन्होंने परिजनों को आश्वासन दिया कि दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी. वहीं मृतक के परिजनों को मुआवजा देने की भी बात कही. इसके बाद लोगों ने पुलिस को पोस्टमार्टम के लिए शव ले जाने दिया.
क्या है मामला : मृतका की भाभी लालमुनी देवी ने बताया कि रात को सुगिया देवी काे बुखार आया. रविवार सुबह 10 बजे उन्हें इलाज के लिए सामुदायिक अस्पताल इचाक लाया गया. अस्पताल में चिकित्सक नहीं थे. वहां मौजूद स्वास्थ्यकर्मी व ड्रेसर डॉक्टर को सूचना देने में टाल मटोल करते रहे. बार-बार डॉक्टर को बुलाने का आग्रह करने पर उन्होंने दवा और पानी बाजार से लाने को कहा. इस बीच बुखार से तड़प रही महिला सुगिया देवी ने दोपहर 12.30 बजे दम तोड़ दिया.
लोगों ने की कार्रवाई की मांग : सुगिया देवी की मौत की खबर सुन प्रखंड प्रमुख सरिता देवी, मुखिया संतोष मेहता, बीरबल प्रसाद समेत कई लोग अस्पताल पहुंचे. घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने दोषी डॉक्टर व स्वास्थ्यकर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की. साथ ही पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा देने, अस्पताल में 24 घंटे नियमित डॉक्टर उपलब्ध कराने की मांग की.
अस्पताल में डॉक्टर की कमी है
सामुदायिक अस्पताल के प्रभारी चिकित्सक डॉ पुष्कर ने बताया कि डॉक्टर की कमी है. उन्होंने कहा कि रविवार को डॉ नीतू कुमारी कॉल अॅान ड्यूटी पर थी. डॉ पुष्कर ने बताया कि उनकी ड्यूटी सदर अस्पताल में थी.
डॉ पुष्कर, प्रभारी चिकित्सक.
मुझे ड्यूटी की जानकारी नहीं थी : डॉ नीतू
डॉ नीतू कुमारी ने बताया कि उन्हें ड्यूटी की जानकारी नहीं थी. जानकारी मिली तो वह हजारीबाग से अस्पताल पहुंची. उन्होंने कहा कि उनका अपना भी काम है. सब काम छोड़ कर अस्पताल आयी हूं.