नशे की गिरफ्त से आजादी की कहानी है मूवी ”मगन”
रांची के कलाम ने यू-ट्यूब चैनल के लिए बनायी है फिल्म रांची : नशा ऐसी समस्या है, जिससे अमूमन लोग चाह कर भी नहीं उबर पाते हैं. अदम्य इच्छाशक्ति हो, तो इस समस्या से निजात पाया जा सकता है.कुछ ऐसा ही संदेश दे रही है रांची के रहनेवाले स्क्रिप्ट राइटर कलाम खान की शॉर्ट मूवी […]
रांची के कलाम ने यू-ट्यूब चैनल के लिए बनायी है फिल्म
रांची : नशा ऐसी समस्या है, जिससे अमूमन लोग चाह कर भी नहीं उबर पाते हैं. अदम्य इच्छाशक्ति हो, तो इस समस्या से निजात पाया जा सकता है.कुछ ऐसा ही संदेश दे रही है रांची के रहनेवाले स्क्रिप्ट राइटर कलाम खान की शॉर्ट मूवी ‘मगन’. मुंबई में स्क्रिप्ट राइटिंग कर रहे कलाम ने 12 मिनट की इस फिल्म को यू-ट्यूब चैनल के लिए बनाया है. सच्ची घटनाओं से प्रेरित और बातचीत पर आधारित इस फिल्म को नाट्य रूपांतरण के रूप में प्रस्तुत किया गया है.
बच्चों से बातचीत कर बनायी फिल्म : कलाम कहते हैं : अभी मैं रांची में हूं. मैंने कर्बला और उसके आसपास के क्षेत्र में छोटे-छोटे बच्चों को देखा कि वे अजीब तरह के नशे में लगे रहते हैं. इन बच्चों की उम्र आठ से 18 वर्ष के आसपास है. इसके बादे उनसे उन परिस्थितियों को जानने की कोशिश कि आखिर वे ऐसा क्यों करते हैं.
उनसे बातचीत के बाद लगा कि इसपर कुछ किया जाये. इसी विषय को ध्यान में रखकर हमने यह फिल्म बनायी है. उन्होंने बताया कि इस शॉर्ट फिल्म को राम, रिंकू खान और आयूषी के साथ मिलकर बनाया. तीनों इस फिल्म के किरदार भी हैं.
मुख्य भूमिका निभाने वाले राम पेशे से फोटोग्राफर हैं. फिल्म में यह दिखाने की कोशिश की गयी है कि कैसे कोई नशे की जद में आता है. हालांकि वह इससे बाहर आने को तैयार हो, तो आ सकता है.
एक बेहतर जिंदगी भी पा सकता है. कलाम कहते हैं कि जब इस तरह के बच्चों और युवाओं से बात की, तब पता चला कि नशा की जरूरत को पूरा करने के लिए कूड़ा-कचरा चुनते हैं. उसे बेचने हैं. चोरी या कोई अपराध नहीं करते.बचपन से है पढ़ाई का शौक : मो कलाम मूल रूप से रांची के ही रहने वाले हैं.
नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी से मासकॉम की पढ़ाई कर चुके कलाम को छोटी उम्र से ही लिखने-पढ़ने का शौक रहा है. रोटी के नाम से शॉर्ट स्टोरी कलेक्शन लिखी है. इनका दो नॉवेल इश्क के कई रंग और खामाेश मोहब्बत भी पाठकों के बीच आनेवाला है.