श्रीमती वर्मा बुधवार को राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग की समीक्षा बैठक में बोल रही थीं. उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के अपर समाहर्ता को निर्देश दिया. श्रीमती वर्मा ने कहा कि जंगल-झाड़ी व वन भूमि को चिह्नित करने के बाद ही क्लीयरेंस के लिए वन विभाग के पास अधियाचना भेजें. वन विभाग से समन्वय करके एनअोसी लें. डीएफओ के साथ ज्वाइंट वेरिफिकेशन करें. उन्होंने कहा कि नवोदय विद्यालय, केंद्रीय विद्यालय तथा केंद्रीय परियोजनाओं फ्रेड कॉरिडोर, एनएच व रेल परियोजनाओं की जमीन हस्तांतरण के लिए रिकार्ड खोलें. जिन योजनाओं व परियोजनाओं के लिए नि:शुल्क जमीन हस्तांतरित की जा चुकी है, उक्त जमीन पर कार्य प्रारंभ हुआ है या नहीं, इसका सत्यापन कर विभाग को सूचित करें. उन्होंने कहा कि कितनी भूमि की मांग की गयी है और कितनी भूमि देना उचित रहेगा, इसका आकलन कर भूमि का हस्तांतरण करें. अगर ऊर्जा विभाग की अोर से भूमि के लिए अधियाचना प्राप्त होती है, तो उसे प्राथमिकता के तौर पर एक सप्ताह में निष्पादित करें.
विभाग की अोर से बैठक में बताया गया कि अब तक विभिन्न विभागों से अंतर्विभागीय नि:शुल्क भूमि हस्तांतरण की कुल 964 अधियाचना प्राप्त हुई है, जिसमें से 811 अधियाचनाओं का निष्पादन कर कुल 4276 एकड़ भूमि का हस्तातंरण किया जा चुका है. अब तक 263 अंचलों के विरुद्ध 262 अंचलों के भू दस्तावेजों को ऑनलाइन किया जा चुका है. मुख्य सचिव ने अंचलों के डिजिटलाइजेशन की भी समीक्षा की. डाटा क्लीनिंग का काम करने को कहा. उन्होनें कहा कि एनएच–32, 33 व दो के लिए भू अर्जन का कार्य जल्द पूरा करें, ताकि कार्य शुरू हो सके. बैठक में सचिव राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग केके सोन, निदेशक राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग के श्रीनिवासन आदि थे.