हड़ताल को सफल बनाने के लिए बैंक कर्मियों का प्रदर्शन

रांची: यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) के बैनर तले बुधवार को रांची में बैंक कर्मियों ने प्रदर्शन किया. फोरम के बैनर तले अखिल भारतीय बैंक अधिकारी संघ, बैंकिंग इंप्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया, नेशनल कंफेडरेशन ऑफ बैंकिंग इंप्लाइज और अन्य संगठनों के लोगों ने 22 अगस्त को होने वाली बैंक हड़ताल को सफल बनाने का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 20, 2017 7:30 AM
रांची: यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) के बैनर तले बुधवार को रांची में बैंक कर्मियों ने प्रदर्शन किया. फोरम के बैनर तले अखिल भारतीय बैंक अधिकारी संघ, बैंकिंग इंप्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया, नेशनल कंफेडरेशन ऑफ बैंकिंग इंप्लाइज और अन्य संगठनों के लोगों ने 22 अगस्त को होने वाली बैंक हड़ताल को सफल बनाने का आह्वान किया. इस मौके पर बैंकों के विलय और निजीकरण का विरोध किया गया.

बैंक कर्मियों ने कॉरपोरेट घरानों को दिये गये करोड़ों रुपये के कर्ज को माफ करने की नीति का भी विरोध किया. बैंक कर्मियों ने खाली पदों पर तत्काल नियुक्ति करने और बड़े घरानों को दिये गये कर्ज में दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की. प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार की तरफ से संसद में फाइनेंशियल रिजॉल्यूशन एंड डिपाेजिट इंश्योरेंस बिल के लाये जाने का भी विरोध किया.

इसके तहत भारतीय स्टेट बैंक, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, ग्रामीण बैंक, एलआइसी, जीआइसी को कभी भी बंद किये जाने का निर्णय वित्त मंत्रालय की ओर से लिये जाने के नियम बनाये गये हैं. प्रदर्शनकारियों का कहना था कि 1971 में राष्ट्रीयकरण के समय देश भर में 8262 बैंक शाखाएं थीं. 19 जुलाई 2016 को देश भर में 92000 बैंकों की शाखाएं थीं.

बैंकों की एक-एक शाखाएं 11 हजार लोगों के लिए खोली गयी हैं. बैंक कर्मियों ने कहा कि स्टेट बैंक के विलय से अब तक 291 करोड़ का नुकसान हो चुका है. मौके पर अखिल भारतीय बैंकिंग अधिकारी संघ की झारखंड इकाई के अध्यक्ष सुनील लकड़ा, महासचिव प्रशांत, बेफी के एमएल सिंह, एनसीबीइ के राजेश त्रिपाठी, एसके पांडेय आदि थे.

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