नीति आयोग की टीम राजधानी में, मूलभूत सुविधाओं में झारखंड राष्ट्रीय औसत से पीछे

रांची: नीति आयोग की टीम ने डेवलपमेंट इंडेक्स (विकास का पैमाना) के आधार पर झारखंड को राष्ट्रीय औसत से काफी पीछे बताया है. आयोग ने पावर प्रेजेंटेशन के माध्यम से राज्य काे विकास की गति तेज करते हुए राष्ट्रीय औसत तक पहुंचने पर सुझाव दिया है. दूसरी तरफ राज्य के विकास आयुक्त अमित खरे ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 22, 2017 7:32 AM
रांची: नीति आयोग की टीम ने डेवलपमेंट इंडेक्स (विकास का पैमाना) के आधार पर झारखंड को राष्ट्रीय औसत से काफी पीछे बताया है. आयोग ने पावर प्रेजेंटेशन के माध्यम से राज्य काे विकास की गति तेज करते हुए राष्ट्रीय औसत तक पहुंचने पर सुझाव दिया है. दूसरी तरफ राज्य के विकास आयुक्त अमित खरे ने राज्य की आर्थिक स्थिति और विकास दर सहित अन्य मामलों की जानकारी नीति आयोग को दी. आयोग ने झारखंड की विकास दर को बेहतर मानते हुए कहा कि झारखंड देश के उन राज्यों में है, जिनका विकास दर आठ फीसदी से अधिक है. यह आर्थिक नजरिये से संतोषजनक है.
नीति आयोग ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन कर डेवलपमेंट इंडेक्स पर राज्य की स्थिति बतायी. दिखाया कि राज्य शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, पेयजलापूर्ति, बिजली आदि के मामले में राष्ट्रीय औसत से काफी पीछे है. इसके बाद विकास आयुक्त ने भी पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन कर मूलभूत सुविधाओं पर राज्य की स्थिति के बारे में जानकारी दी. बताया कि राज्य में शिशु मृत्यु दर 39 फीसदी है. बाल मृत्यु दर में पहले के मुकाबले काफी सुधार हुआ है. इस मामले में झारखंड की तुलना केरल से करना न्यायोचित नहीं है. सरकार ने यह माना की स्वास्थ्य के क्षेत्र में आवश्यकता के मुकाबले डॉक्टरों व मेडिकल कॉलेजों की कमी है. सरकार की इस स्थिति से निबटने के लिए काम कर रही है. तीन नये मेडिकल कॉलेजों को स्वीकृत किया गया है. डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए संविदा के आधार पर भी डॉक्टरों की नियुक्ति की जा रही है. पेयजल की स्थिति पर चर्चा करते हुए आयोग को बताया गया कि राज्य में पहले 12 प्रतिशत आबादी को ही पाइपलाइन के जरिये पेयजल दिया जाता था. आज यह बढ़ कर 30 प्रतिशत हो गया है. इस मामले में राष्ट्रीय औसत पहले 52 प्रतिशत था, जो बढ़ कर 56 फीसदी हो गया है. यानी राष्ट्रीय स्तर पर चार प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

झारखंड ने इस मामले में 18 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की है. सरकार की ओर से वर्ष 2020 तक पेयजल के मामले में राष्ट्रीय स्तर के मानक तक पहुंचने की उम्मीद जतायी गयी. स्वच्छता के मामले की चर्चा करते हुए राज्य सरकार की ओर से यह बताया गया कि पहले स्वच्छता राज्यों की सूची में 31वें नंबर पर था. अब यह 25 वें नंबर पर पहुंच गया है. स्वच्छता कार्यक्रम की शुरुआत में राष्ट्रीय औसत 44 प्रतिशत था. वह अब बढ़ कर 65 फीसदी हो गया है. शुरुआती दौर में रही झारखंड की स्वच्छता 27 से बढ़ कर 56 प्रतिशत हो गयी है. इस तरह स्वच्छता में राष्ट्रीय औसत के मुकाबले केवल नौ प्रतिशत रह गया है, जिसे पाटने का प्रयास किया जा रहा है. राज्य सरकार की ओर से आर्थिक मामलों की चर्चा करते हुए बताया कि आर्थिक क्षेत्र में राज्य काफी तेजी से प्रगति कर रहा है. कुल विकास दर आठ फीसदी से अधिक है. विकास दर में तेजी से वृद्धि होने की वजह से सरकार विकास के मानकों पर राष्ट्रीय औसत तक तेजी से पहुंच रही है.

राज्य की विकास दर औसत से अधिक : राजबाला
नीति आयोग की बैठक में मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने बताया कि झारखंड का विकास दर देश के औसत विकास से अधिक है. यह टीम झारखंड की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. इज ऑफ डूइंग बिजनेस की दृष्टि से झारखंड 96.5 प्रतिशत स्कोर के साथ अव्वल राज्यों की श्रेणी में खड़ा है. नीति, निवेश व कार्यान्वयन में राज्य के पास सबल नीति है. नीति आयोग के सदस्य डॉ बीके सारस्वत ने कहा कि हर क्षेत्र में झारखंड ने अपनी विश्वसनीय शुरूआत की है. विकास दर, मोमेंटम झारखंड आदि द्वारा एक डायनेमिक लीडरशिप व प्रभावशाली नीतियां का सफल कार्यान्वयन हुआ है. डॉ सारस्वत ने कहा कि अपने नॉलेज नीति संसाधन को राष्ट्रीय स्तर पर समन्वयन और आदान-प्रदान के तहत स्वीकार करना चाहिए.

Next Article

Exit mobile version