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करवट लेगी झारखंड की राजनीति, यूपीए को झटका

रांची : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस्तीफा दे दिया है. बिहार की राजनीति गरम है़ इसकी लपटें झारखंड तक पहुंचेगी़ आनेवाले समय में बिहार की राजनीति का रंग यहां चढ़ सकता है़ नीतीश के इस्तीफे के साथ ही झारखंड में यूपीए को झटका लगा है़ झारखंड में नीतीश झाविमो नेता बाबूलाल मरांडी को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 27, 2017 8:42 AM
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रांची : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस्तीफा दे दिया है. बिहार की राजनीति गरम है़ इसकी लपटें झारखंड तक पहुंचेगी़ आनेवाले समय में बिहार की राजनीति का रंग यहां चढ़ सकता है़
नीतीश के इस्तीफे के साथ ही झारखंड में यूपीए को झटका लगा है़ झारखंड में नीतीश झाविमो नेता बाबूलाल मरांडी को प्रोजेक्ट कर रहे थे़ नीतीश लगातार उनके कार्यक्रम में शामिल हो रहे थे़ रांची, जमशेदपुर, धनबाद में साथ-साथ कार्यक्रम किये़ नीतीश के सहारे झाविमो यूपीए में जगह बना रहा था़ कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व में भी संपर्क में रहा़ नीतीश की कोशिश थी कि वह छोटे दलों को साथ लेकर यूपीए के अंदर अपनी ताकत बढ़ाये़ं आनेवाले दिनों में झाविमो-झामुमो को एक प्लेटफॉर्म पर लाया जाये़ इधर, नीतीश और लालू में दूरी बढ़ गयी है़
इसका असर झारखंड में भी होगा़ जदयू की भाजपा के साथ नजदीकियां बढ़ी, तो यहां यूपीए की परेशानी बढ़ेगी़ यूपीए का कुनबा बिखर सकता है़ झाविमो जैसे दलों पर दबाव बढ़ेगा़ वहीं अब लालू की जवाबदेही होगी कि वह झारखंड में यूपीए को जोड़ कर एक साझा मंच बनाये़ लालू की अपनी परेशानी है़ वह न्यायिक प्रक्रियाओं में व्यस्त है़ं ऐसे में झारखंड में यूपीए को दशा-दिशा देनेवाला कद्दावर नेता नहीं होगा़
प्रदेश में झामुमो के दबाव में होगा यूपीए : प्रदेश की राजनीति में झामुमो का अब दबदबा होगा़ झामुमो कांग्रेस के साथ बार्गेन की स्थिति में है़ ऐसे में झाविमो, राजद जैसे दलों के लिए परेशानी होगी़ झाविमो को नीतीश के स्टैंड के बाद अपना रास्ता देखना होगा़ झामुमो और झाविमो दोनों के पहले से राजनीतिक रंजिश रहे है़ं भाजपा नीतीश को साथ लाने में कामयाब रही, तो यहां कई दल अलग-थलग हो सकते है़ं

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