छात्रावासों के कमरे-किचन में घुसा पानी रात गुजारने की जगह नहीं, छात्र परेशान

रांची : राजधानी के छात्रावासों की स्थिति जर्जर है़ बारिश में स्थिति नारकीय हो गयी है. कमरे व किचन में पानी घुस गया है़ छत से पानी टपक रहा है. कमरे में किताब-कॉपी, कपड़े रखना संभव नहीं है़ छात्राओं के स्नान के लिए अलग से बाथरूम नहीं है़ हॉस्टल की छात्राएं परेशान हैं. बुधवार को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 27, 2017 11:58 AM
रांची : राजधानी के छात्रावासों की स्थिति जर्जर है़ बारिश में स्थिति नारकीय हो गयी है. कमरे व किचन में पानी घुस गया है़ छत से पानी टपक रहा है. कमरे में किताब-कॉपी, कपड़े रखना संभव नहीं है़
छात्राओं के स्नान के लिए अलग से बाथरूम नहीं है़ हॉस्टल की छात्राएं परेशान हैं. बुधवार को झाविमो अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और महासचिव बंधु तिर्की ने राजधानी के कई छात्रावासों का दौरा किया़ झाविमो नेता सबसे पहले मोरहाबादी के वीर बुधु भगत छात्रावास पहुंचे़ यहां हॉस्टल का निरीक्षण किया और छात्रों से उनकी परेशानी पूछी़ आदिवासी छात्रों के लिए कल्याण विभाग द्वारा यह हॉस्टल चलाया जा रहा है़
इस छात्रावास में छात्रों के बेड भींगे थे़
छात्रों ने कहा कि वे कॉरिडोर में सोते है़ं बेड पर सोना संभव नहीं है़ इसके बाद झाविमो नेता रांची कॉलेज के हॉस्टल पहुंचे और छात्रों से बातचीत की़ झाविमो नेताओं ने महिला कॉलेज के भागीरथी छात्रावास का भी जायजा लिया़ यहां कॉरिडोर में पानी घुसा था़ छात्राओं ने बताया कि यहां राज्यपाल भी आ चुकी है़ं नहाने के लिए अलग से बाथरूम तक की व्यवस्था नहीं है़ कमरे भी जर्जर हो गये है़ं
हॉस्टल में जगह-जगह पर दीवार पर प्लास्टर झड़े थे़ झाविमो नेताओं ने हालात देख कर चिंता जतायी़ इसके बाद झाविमो नेता दीप शीखा हॉस्टल और कांटाटोली के अल्पसंख्यक छात्रावास गये. झाविमो नेता श्री मरांडी ने कहा कि सरकार को गरीब छात्रों की चिंता करनी चाहिए़ ऐसी हालात में हम अपने युवाओं का भविष्य नहीं बना सकते है़ं
छात्रों के कल्याण की राशि उन तक नहीं पहुंच रही है़ सरकार छात्रों को सुविधाएं दे़ झाविमो नेता बंधु तिर्की ने कहा कि अगर सरकार ने जल्द से जल्द इन छात्रावासों में बुनियादी सुविधाएं दुरुस्त नहीं की, तो सड़क पर उतरेंगे़ छात्रों के साथ अनशन पर बैठेंगे़ सरकार के पदाधिकारी एक दिन इन छात्रावासों में रह कर दिखायें, उसके बाद पता चल जायेगा कि छात्र किस परिस्थिति में रहते है़ं

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