निजी व तकनीकी शिक्षण संस्थानों में शुल्क निर्धारण के लिए बनी कमेटी

रांची : राज्य के निजी और तकनीकी शिक्षण संस्थानों में शुल्क निर्धारण के लिए सरकार द्वारा उच्चस्तरीय समिति बनायी गयी है. उच्चतर, तकनीकी शिक्षा व कौशल विकास विभाग द्वारा बनायी गयी इस कमेटी का काम इंजीनियरिंग, मेडिकल, पॉलिटेक्निक, मैनेजमेंट संस्थानों व अन्य इंस्टीट्यूट में शैक्षणिक शुल्क तय करना है. झारखंड उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त जज […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 28, 2017 8:55 AM
रांची : राज्य के निजी और तकनीकी शिक्षण संस्थानों में शुल्क निर्धारण के लिए सरकार द्वारा उच्चस्तरीय समिति बनायी गयी है. उच्चतर, तकनीकी शिक्षा व कौशल विकास विभाग द्वारा बनायी गयी इस कमेटी का काम इंजीनियरिंग, मेडिकल, पॉलिटेक्निक, मैनेजमेंट संस्थानों व अन्य इंस्टीट्यूट में शैक्षणिक शुल्क तय करना है.
झारखंड उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त जज डीजीआर पटनायक समिति के अध्यक्ष बनाये गये हैं. उच्चतर एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के सचिव को सदस्य सचिव मनोनीत किया गया है. अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के प्रतिनिधि डॉ राजीव कुमार, चार्टर्ड एकाउंटेंट अंजलि जैन व रांची विवि के कुलपति को समिति का सदस्य बनाया गया है. समिति सरकार को एक तय फॉर्मेट के अनुरूप वार्षिक शैक्षणिक शुल्क, छात्रावास शुल्क, परीक्षा शुल्क और अन्य का खाका तैयार कर देगी.
नेतरहाट विद्यालय समिति नियमावली में संशोधन के लिए कमेटी बनी: सरकार द्वारा नेतरहाट विद्यालय समिति नियमावली में संशोधन के लिए डॉ केके नाग की अध्यक्षता में समिति बनायी गयी है. समिति में नेतरहाट विद्यालय समिति के कार्यकारिणी के सदस्य एचकेपी सिन्हा, झारखंड शिक्षा न्यायाधीकरण के सदस्य हंसराज सिंह, झारखंड माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के संयुक्त सचिव आनंद मोहन ठाकुर व नेतरहाट विद्यालय समिति के सदस्य उपेंद्र उपाध्याय को शामिल किया गया है.
मुख्यमंत्री शैक्षणिक भ्रमण कार्यक्रम में एकलव्य और आश्रम विद्यालय के बच्चे भी शामिल : सरकार के एक फैसले के तहत मुख्यमंत्री शैक्षणिक भ्रमण कार्यक्रम में कल्याण विभाग की तरफ से संचालित एकलव्य और आश्रम विद्यालय के बच्चे भी शामिल होंगे. इन बच्चों को दूसरे राज्यों का भ्रमण करा कर वहां की सांस्कृतिक, आर्थिक व पर्यटन की जानकारी दिलायी जायेगी.
एलपीजी आधारित रसोई के लिए 39.84 करोड़ रुपये दिये : स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की तरफ से मध्याह्न भोजन के तहत सरकारी विद्यालयों में एलपीजी आधारित रसोई की स्थापना करने के लिए 39.84 करोड़ रुपये निर्गत किये गये हैं. राज्य मध्याह्न भोजन प्राधिकरण को अंशदान के रूप में यह राशि दी गयी है. 2017-18 में कक्षा एक से लेकर आठवीं तक के बच्चों को मध्याह्न भोजन का लाभ सरकार की तरफ से दिया जाना है.

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