आर्कटिक में चौथी भारतीय वेधशाला स्थापित

टीम में झारखंड के जयशंकर उपाध्याय भी रांची : भारतीय वैज्ञानिकों ने आर्कटिक में चौथी भारतीय वेधशाला इंडआर्क-फोर को स्थापित कर दिया है. आर्कटिक के गहरे समुद्र से अपना काम पूरा कर चुके इंडअार्क-थ्री को 19 जुलाई को हटाया गया तथा 22 जुलाई को इंडआर्क-फोर सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया गया. यह स्थान उत्तरी ध्रुव से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 28, 2017 9:18 AM
टीम में झारखंड के जयशंकर उपाध्याय भी
रांची : भारतीय वैज्ञानिकों ने आर्कटिक में चौथी भारतीय वेधशाला इंडआर्क-फोर को स्थापित कर दिया है. आर्कटिक के गहरे समुद्र से अपना काम पूरा कर चुके इंडअार्क-थ्री को 19 जुलाई को हटाया गया तथा 22 जुलाई को इंडआर्क-फोर सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया गया. यह स्थान उत्तरी ध्रुव से करीब 1100 किलोमीटर दूर तथा मोटे तौर पर नार्वे व उत्तरी ध्रुव के बीच स्थित है. नेशनल सेंटर फॉर अंटार्कटिक एंड अोशियन रिसर्च तथा नेशनल इंस्टीट्यूट अॉफ अोशियन टेक्नोलॉजी (एनआइअोटी) के वैज्ञानिकों की एक टीम ने यह काम किया, जिसमें झारखंड के हुसैनाबाद (जपला) निवासी जयशंकर उपाध्याय भी शामिल थे. श्री उपाध्याय एनआइअोटी से जुड़े हैं.
नार्वे के शोध जहाज आरवी लांस की मदद से उत्तरी ध्रुव में आर्कटिक के कॉग्सजॉर्डन में स्थापित मल्टी सेंसर यह वेधशाला समुद्री जल संबंधी रियल टाइम डाटा (आंकड़े) इकट्ठा करेगी. इसमें समुद्री जल का तापमान, इसका खारापन, इसकी धारा व अन्य पैरामीटर शामिल हैं. यह अांकड़े भारत में मौसम संबंधी अध्ययन में काम आ रहे हैं. इनसे भारतीय मॉनसून सिस्टम पर आर्कटिक की परिस्थितियों का प्रभाव समझने का प्रयास हो रहा है. झारखंड के रहने वाले जयशंकर उपाध्याय ने वहां इंडिया-आर्कटिक रिसर्च स्टेशन हिमाद्री का भी भ्रमण किया.

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