सीएस ने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में दी चेतावनी, कहा ड्यूटी से नदारद रहे डॉक्टर, तो सिविल सर्जन पर होगी कार्रवाई

रांची: मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने कहा है कि अस्पतालों, स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्सकों और पारा मेडिकल स्टाफ की उपस्थिति सुनिश्चित कराना सिविल सर्जन की जिम्मेवारी है. डॉक्टर या पारा मेडिकल स्टाफ ड्यूटी से नदारद पाये गये, तो संबंधित सिविल सर्जन पर कार्रवाई की जायेगी. स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव ने कहा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 29, 2017 7:31 AM
रांची: मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने कहा है कि अस्पतालों, स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्सकों और पारा मेडिकल स्टाफ की उपस्थिति सुनिश्चित कराना सिविल सर्जन की जिम्मेवारी है. डॉक्टर या पारा मेडिकल स्टाफ ड्यूटी से नदारद पाये गये, तो संबंधित सिविल सर्जन पर कार्रवाई की जायेगी. स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव ने कहा : बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं विकास की रीढ़ होती है.

समाज के अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बनाना प्रशासन का पहला दायित्व है. मुख्य सचिव ने स्वास्थ्य विभाग को आपात स्थिति के लिए जिला स्तर पर आपात चिकित्सा दल गठित करने का आदेश दिया. यह दल 24 घंटे हर तरह की आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहेगा. श्रीमती वर्मा ने संताल परगना के गोड्डा, पाकुड़, दुमका और साहेबगंज से कालाजार समेत अन्य गंभीर बीमारियों को जड़ से समाप्त करने के लिए अभियान चलाने की जरूरत बतायी.

संताल में स्वास्थ्य जागरूकता अभियान चलने के निर्देश : मुख्य सचिव ने कहा कि संताल में स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता का अभाव है. यहां कालाजार के मरीजों को रोडमैप के अनुसार चिकित्सा की उपलब्धता सुनिश्चित होनी चाहिए. कालाजार पीड़ित व्यक्ति को 6000 रुपये की सहायता राशि अविलंब मिलनी चाहिए. ग्रामीण इलाकों में मिट्टी के घरों में कालाजार के कीटाणु आसानी से पनपते हैं. उन स्थानों पर नियमित अंतराल में दवा का छिड़काव करने के निर्देश दिये गये हैं. श्रीमती वर्मा ने कहा कि राज्य में मलेरिया की रोकथाम के लिए वर्ल्ड बैंक 63.80 लाख मच्छरदानी उपलब्ध करा रहा है. अगस्त से इसका वितरण शुरू किया जायेगा.
टीबी के मरीजों के लिए विशेष निर्देश दिया
मुख्य सचिव ने टीबी के मरीजों को नियमित दवाओं के सेवन के लिए प्रेरित करने को लेकर डोर-टू-डोर कैंपेन चलाने का निर्देश दिया है. कहा है कि टीबी के मरीजों की पहचान कर उन्हें दवा उपलब्ध करायी जाये. साथ ही वॉलंटियर के जरिये मरीजों के बलगम के नमूनों का संग्रह कराया जाये. दो सप्ताह से अधिक तक खांसी की शिकायत वाले लोगों के लिए प्रखंड स्तर पर बनाये गये माइक्रो स्कोप सेंटर में जांच करायी जाये. बैठक में अपर मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी, एनआरएचएम निदेशक कृपानंद झा समेत स्वास्थ्य विभाग के अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.

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