बैठक: ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने गिनायीं विभाग की उपलब्धियां, ढाई साल में 2.22 लाख इंदिरा आवास बने

रांची : ढाई साल पहले विभाग में लंबित योजनाओं की भरमार थी. मनरेगा, जलछाजन, सखी मंडलों का गठन, ग्रामीण सड़क, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, पंचायत भवनों का निर्माण आदि कार्य लंबित थे. पर गत ढाई वर्षों में जबसे रघुवर सरकार अायी है, जनता के बीच हमारा विश्वास बढ़ा है. पहले से तीन लाख इंदिरा आवास […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 29, 2017 7:37 AM
रांची : ढाई साल पहले विभाग में लंबित योजनाओं की भरमार थी. मनरेगा, जलछाजन, सखी मंडलों का गठन, ग्रामीण सड़क, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, पंचायत भवनों का निर्माण आदि कार्य लंबित थे. पर गत ढाई वर्षों में जबसे रघुवर सरकार अायी है, जनता के बीच हमारा विश्वास बढ़ा है. पहले से तीन लाख इंदिरा आवास पेंडिंग थे. इसमें से 2.22 लाख का निर्माण पूरा कर लिया गया है. शेष आवास का निर्माण किया जा रहा है. 12 हजार किमी ग्रामीण सड़कों का निर्माण भी कराया गया है. उक्त बातें ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने कही.

श्री मुंडा शुक्रवार को सूचना भवन में आयोजित विभागीय प्रेस कांफ्रेंस में अपनी उपलब्धियां गिना रहे थे.मंत्री ने कहा कि 14 से 20 नवंबर तक ग्रामीण आवासों में दो लाख परिवारों का गृह प्रवेश होगा. मनरेगा के तहत भी विभाग की उपलब्धि अच्छी रही है. कुल 15.47 करोड़ मानव दिवस का सृजन कर कई योजनाओं को पूरा किया गया है. श्री मुंडा ने कहा कि ग्रामीण सड़क की कई योजनाएं वर्ष 2003-04 से लंबित थीं. यह दुखद था. इधर, गत ढाई साल के दौरान विभाग ने 12 हजार किमी ग्रामीण सड़कों का निर्माण कराया है. इसमें राज्य संपोषित तथा प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना दोनों की सड़कें शामिल हैं.

एक सवाल के जवाब में विभाग के अपर मुख्य सचिव एनएन सिन्हा ने कहा कि ग्रामसभा के अनुमोदन तथा आवास आबंटन संबंधी आपत्ति मंगाने सहित गड़बड़ी रोकने की अन्य प्रक्रिया के बावजूद आवास आबंटन में गड़बड़ी को सुधारा जा रहा है. विभिन्न जिलों से दोहरे या गलत आबंटन संबंधी सूची मंगायी जा रही है. अभी 11 जिलों से करीब 1100 लोगों की सूची अायी है. शेष जिलों से यह सूची अभी आनी है. इन सभी आवंटन को रद्द कर दिया जायेगा. पंचायतों में हो रही गड़बड़ी तथा इसे रोकने के संबंध में अपर मुख्य सचिव ने कहा कि 14वें वित्त आयोग के पैसे खर्च करने संबंधी दिशा निर्देश पंचायतों को उपलब्ध करा दिये गये हैं. मुखिया व पंचायत सेवक को प्रशिक्षित किया जा रहा है.

वहीं गड़बड़ी करने वाले पंचायत प्रतिनिधियों व कर्मियों पर कार्रवाई भी की जा रही है. श्री सिन्हा ने राज्य में आजीविका संबंधी एक नयी योजना जोहार के संचालन की भी जानकारी दी. यह योजना 11 जिलों के 68 प्रखंडों में चलायी जायेगी. वर्ल्ड बैंक संपोषित इस योजना के लिए कल ही (गुरुवार) एक एमअोयू दिल्ली में हुआ है. प्रेस कांफ्रेंस में ग्रामीण कार्य सचिव अविनाश कुमार, पंचायती राज के प्रभारी सचिव विनय चौबे, मनरेगा अायुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी, पंचायती राज निदेशक बिरेंद्र भूषण आदि मौजूद थे.

ठेकेदार व इंजीनियरों पर कार्रवाई : एनएन सिन्हा ने बताया कि ग्रामीण पुल-पुलियों व सड़कों में गड़बड़ी रोकने के उपाय किये गये हैं. कुल 241 पुलों की जांच करायी गयी है. राज्य संपोषित योजना के तहत अाठ उड़न दस्ता का गठन किया गया है. सड़कों संबंधी स्टेट क्वालिटी मॉनिटरिंग व नेशनल क्वालिटी मॉनिटरिंग का भी प्रावधान है. राज्य संपोषित योजना के तहत अब तक 18 ठेकेदारों को काली सूची में डाला गया है. कुल 19 का लाइसेंस रद्द हुआ है तथा 69 को डिबार किया गया है.
बारिश से सात पुल क्षतिग्रस्त
ग्रामीण कार्य सचिव अविनाश कुमार ने बताया कि गत दिनों हुई बारिश में विभाग के सात ग्रामीण पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं. इनमें रांची, खूंटी व लोहरदगा में एक-एक पुल तथा गुमला व लातेहार में दो-दो पुल शामिल हैं. पुल के क्षतिग्रस्त होने के कारणों का पता लगाया जा रहा है. कारण स्पष्ट होने पर इसमें आगे की कार्रवाई होगी.

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