वहीं किसी संस्था या सामाजिक संगठनों द्वारा सोलर पावर प्लांट लगाये जाने पर 21,000 रुपये प्रति किलोवाट की दर से अनुदान की राशि दी जायेगी. औद्योगिक कंपनियां भी अपनी फैक्टरी की छतों पर रूफ टॉप सोलर पावर प्लांट लगा सकती हैं. ऐसी कंपनियों को प्रति किलोवाट सात हजार रुपये की दर से अनुदान दी जायेगी. जेरेडा के परियोजना निदेशक अरविंद प्रसाद ने बताया कि लोगों को ग्रीन एनर्जी के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए भारत सरकार ने ही यह योजना शुरू की है.
अनुदान की राशि में भारत सरकार का भी अंश है. लोग ग्रिड कनेक्टेड रूफ टॉप सोलर पावर प्लांट लगाते हैं, तो सरकार अनुदान देगी. विशेषज्ञों की जरूरत होगी, तो जेरेडा के एक्सपर्ट सहायता कर सकते हैं. उन्होंने कहा यदि कोई व्यक्ति 10 किलोवाट का सोलर पावर प्लांट लगाता है और घर में केवल पांच किलोवाट ही इस्तेमाल करता है, तो शेष पांच किलोवाट ग्रिड में देकर वो मुनाफा भी कमा सकते हैं. इससे न केवल रोजगार के अवसर मिलेंगे, बल्कि प्रदूषण से मुक्ति में यह एक बड़ा कदम होगा.प्रधानमंत्री भी ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयासरत हैं. उनकी मुहिम को मुख्यमंत्री ने झारखंड में भी लागू किया है. लोग इस अवसर का इसका लाभ उठायें और घरों की छतों पर सोलर पावर प्लांट लगायें.