रांची.जनगणना प्रपत्र में आदिवासियों के लिए अलग धर्म कोड के विषय पर पश्चिम बंगाल के हावड़ा में पांच अगस्त और न्यू जलपाईगुड़ी में छह अगस्त को सेमिनार होगा. इसमें झारखंड से संताल, उरांव, मुंडा, हो व खड़िया जनजाति के प्रतिनिधि शामिल होंगे़ यह जानकारी आदिवासी सरना महासभा के मुख्य संयोजक देवकुमार धान ने दी़.
उन्होंने बताया कि 1871 से 1951 तक आदिवसियों के लिए अलग धर्म कॉलम की व्यवस्था थी, पर 1961 से इसे एक साजिश के तहत हटा दिया गया़ इसलिए देश के अादिवासी मजबूरीवश अपना नाम हिंदू, ईसाई या मुसलिम कॉलम में रखते है़ं 2011 की जनगणना में 80 लाख आदिवासियों ने अपना नाम ‘अन्य’ कॉलम में दर्ज कराया था़