व्यस्ततम ट्रेनों में शुमार हुआ धनबाद-अलपुुझा एक्सप्रेस, सबसे व्यस्त ट्रेन दरभंगा-दिल्ली संपर्क क्रांति एक्सप्रेस

रांची : भारत में लगातार ट्रेनों में भीड़ बढ़ रही है. बिहार-दिल्ली-बिहार व्यस्ततम ट्रैक नंबर-1 बन गया है. देश के व्यस्ततम ट्रेनों में झारखंड से केरल के बीच चलनेवाली धनबाद-अलपुझा एक्सप्रेस भी शामिल हो गयी है. 10 साल पहले जो दरभंगा-दिल्ली संपर्क क्रांति एक्सप्रेस व्यस्ततम ट्रेनों की सूची में 9वें नंबर पर थी, अाज यह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 31, 2017 12:46 PM

रांची : भारत में लगातार ट्रेनों में भीड़ बढ़ रही है. बिहार-दिल्ली-बिहार व्यस्ततम ट्रैक नंबर-1 बन गया है. देश के व्यस्ततम ट्रेनों में झारखंड से केरल के बीच चलनेवाली धनबाद-अलपुझा एक्सप्रेस भी शामिल हो गयी है. 10 साल पहले जो दरभंगा-दिल्ली संपर्क क्रांति एक्सप्रेस व्यस्ततम ट्रेनों की सूची में 9वें नंबर पर थी, अाज यह पहले नंबर पर आ गयी है.

दरभंगा-दिल्ली संपर्क क्रांति एक्सप्रेस में एक साल में जितने लोग यात्रा करते हैं, उसका एक तिहाई वेटिंग लिस्ट चलता है. रेल मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2016-17 के दौरान 12565 दरभंगा-दिल्ली संपर्क क्रांति एक्सप्रेस से 6,22,867 लोगों ने यात्रा की. इसी दौरान 2,05,192 लोग प्रतीक्षा सूची में रहे.

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इसी तरह, 12566 दिल्ली-दरभंगा संपर्क क्रांति एक्सप्रेस से 6,31,470 लोगों ने एक साल के दौरान यात्रा की. इसकी वेटिंग लिस्ट 1,97,480 रही. बरौनी-दिल्ली के बीच चलनेवाली वैशाली एक्सप्रेस से 5,56,316 लोगों ने यात्रा की और इसमें प्रतीक्षा सूची 1,93,401 रही. व्यस्ततम ट्रेनों की टॉप-10 की लिस्ट में बिहार से चलनेवाली 6 ट्रेनें हैं. एक ट्रेन झारखंड की भी है.

शेष चार ट्रेनें मुंबई-कोलकाता, कोलकाता-बेंगलुरु, धनबाद-अलपुझा और लखनऊ-मुंबई हैं. मुंबई और कोलकाता के बीच चलनेवाली गीतांजलि एक्सप्रेस की बात करें, तो इस ट्रेन से एक साल में 8,54,144 लोगों ने यात्रा की. इस दौरान वेटिंग लिस्ट की संख्या 1,78,043 रही. दिल्ली मुजफ्फरपुर के बीच चलनेवाली सप्तक्रांति एक्सप्रेस से 5,74,372 लोगों ने यात्रा की और इस ट्रेन में वेटिंग लिस्ट का आंकड़ा गीतांजलि एक्सप्रेस के 1,78,812 से थोड़ा कम 1,78,043 रहा.

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कोलकाता से बेंगलुरु के बीच चलनेवाली हावड़ा-यशवंतपुर एक्सप्रेस से इसी दौरान 7,40,545 लोगों ने यात्रा की और इस ट्रेन में वेटिंग का आंकड़ा 1,56,313 रहा. अमृतसर-कटिहार एक्सप्रेस में 5,19,579 लोगों ने यात्रा की और 1,52,541 लोगों को टिकट लेकर इंतजार करना पड़ा. इसी तरह, झारखंड से केरल तक चलनेवाली एकमात्र धनबाद-अलपुझा एक्सप्रेस ट्रेन में एक तिहाई से अधिक लोगों को वेटिंग टिकट लेना पड़ा.

इस ट्रेन से 5,34,872 लोगों ने एक साल के दौरान यात्रा की. वहीं, 1,51,392 लोगों का टिकट कन्फर्म नहीं हुआ. पुष्पक एक्सप्रेस, जो लखनऊ से मुंबई के बीच चलती है, में 6,09,878 लोगों ने एक साल के दौरान सफर किया और महज 1,44,879 लोगों को कन्फर्म टिकट नहीं मिल पाया.

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भारतीय रेल के आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2008-09 में स्थिति ऐसी नहीं थी. तब मुंबई और गोरखपुर के बीच चलनेवाली कुशीनगर एक्सप्रेस में टिकटों के लिए सबसे ज्यादा मारामारी थी. इसके बाद दिल्ली-गुवाहाटी के बीच चलनेवाली ट्रेन नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस में सबसे ज्यादा भीड़ होती थी.

इसके बाद अवध असम एक्सप्रेस, पुष्पक एक्सप्रेस, कर्नाटक एक्सप्रेस, गीतांजलि एक्सप्रेस, झेलम एक्सप्रेस का नंबर आता था. तब जाकर अमृतसर-कटिहार और दिल्ली-दरभंगा का नंबर आता था. हालांकि, तब दिल्ली-दरभंगा की तुलना में अमृतसर-कटिहार में टिकट लेना मुश्किल होता था.

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इस तरह देखें, तो वर्ष 2008-09 की व्यस्ततम ट्रेनों की टॉप-10 सूची से कुशीनगर एक्सप्रेस, नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस, अवध असम एक्सप्रेस, कर्नाटक एक्सप्रेस, झेलम एक्सप्रेस और गोवा एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें बाहर हो चुकी हैं. इनकी जगह वैशाली एक्सप्रेस, सप्त क्रांति एक्सप्रेस, हावड़ा-यशवंतपुर एक्सप्रेस और धनबाद-अलपुझा एक्सप्रेस ने ले ली है.

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