रांची : झारखंड प्रदेश भाजपा की दो दिन की कार्यकारिणी की बैठक रविवार को गिरिडीह में संपन्न हुई. इस कार्यकारिणी में भाजपा ने स्पष्ट रूप से संकल्प लिया है कि उसे 2019 के लोकसभा चुनाव में राज्य की सभी 14 लोकसभा सीटों पर कब्जा करना है और विधानसभा चुनाव में दो तिहाई बहुमत हासिल करना है. झारखंड गठन के 17 सालों में झारखंड के राजनीतिक हालत हमेशा अस्थिरता भरे रहे हैं और चुनाव में कोई पार्टी कभी अकेले दम पर बहुमत हासिल नहीं कर सकी है. भारतीय जनता पार्टी के पास आज जरूर बहुमत है, लेकिनबिना सहयोगी पार्टी के अपनेदमपर बहुमत उसने सरकार बनाने के बादझारखंड विकास मोर्चा केविधायकों के दल-बदलसे ही हासिल किया. ऐसे में सरकारमेंहोने केकारण भाजपाअपनेफैसलों से ऐसी बढ़त हासिल करना चाहती है, ताकिउसेअपने दम पर बहुमत भी हासिल हो और वह2019में प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्रमोदी की ताजपोशी में अहम योगदान भी दे.
झारखंड में धर्मांतरण बड़ा राजनीतिक मुद्दा, रघुवर के कदम क्यों हैं सख्त?
झारखंड प्रदेश भाजपा कार्यकारिणी के दस अहम संकेत
1. जनजातीय आबादी रघुवर सरकार के फोकस में : रघुवर दास सरकार के कार्यकाल में जनजातीय आबादी सरकार के फोकस में है. पहले जो भी सरकारें बनी, वह आदिवासी नेता के नेतृत्व में बनी. रघुवर दास राज्य के पहले गैर आदिवासी मुख्यमंत्री हैं. ऐसे में उन पर जनजातीय अस्मिता के बहाने तरह-तरह के सवाल समय दर समय उठाये जाते हैं. रघुवर इस बात को भली-भांती समझते हैं. इसलिए उन्होंने अपने सरकार में विकास योजनाओं में जनजातीय आबादी को फोकस किया है. एसपीटी-सीएनटी एक्ट के हंगामे के बीच राज्य और केंद्र की भाजपा सरकार ने कई ऐसी पहल की है, जो आदिवासी आबादी के हित में है. भाजपा कार्यकारिणी में सरकार के इन्हीं प्रयासों का उल्लेख किया गया है. इसमें डाकिया खाद्यान्न योजना, एकलव्य विद्यालय खोलने की योजना, जनजातीय आस्था व संस्कृति के स्थलों की व्यवस्था बनाना सहित कई दूसरे कार्य हैं.आदिम जनजाति के लोगों कोनियुक्ति मेंआरक्षण जैसे कदम भी सरकार ने उठाये. कल कार्यकारिणी के बाद भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता जेबी तुबीद ने कहा भी कि सरना-मसना-जोहर-हड़गुड्डी स्थानों को सुरक्षा हेतु उनकी घेरा-बंदी एवं चाहरदीवारी का निर्माण एक अभियान मोड में सरकार करा रही है. केंद्रकी उज्ज्वलायोजना भी लाभकारी रही है. रघुवर दास ने विपक्ष के प्रमुख आदिवासी नेताओं पर निशानाज्यादातर आदिवासी समुदाय के बीच ही पहुंच कर साधा, इसी तरह धर्मांतरणकेमुद्देभी उन्होंने आदिवासी समुदाय के बीच ही उठाये और अपनी बात उन्होंने हमेशा आक्रामक ढंग से रखी.
2. अपने दम पर भाजपा दो तिहाई बहुमत हासिल करने के लक्ष्य की ओर बढ़ेगी. इसके लिए वह नये वोट आधार तैयार करेगी. जैसा कि पहले से कहा गया है कि सरकार धर्मांतरण बिल लायेगी, इससे सरकार को वोट आधार बढ़ाने में मदद मिलेगी.
3. भाजपा कार्यकारिणी के बाद मीडिया ब्रिफिंग में कहा गया कि सरकार की नीति भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस की है.सीएमरघुवर दास ने भी कहा है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई होती रहेगी और भ्रष्ट नेताओं की अब खैर नहीं है. उन्होंने कहा है कि झारखंड के कुछ नेताओं का हश्र लालू यादव के परिवार जैसा होने वाला है. यह बात इस संदर्भ में भी अहम है कि पार्टी विपक्ष के नेता व झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन पर पिछले कुछ दिनों से लगातार भ्रष्टाचार के आरोप लगा रही है. जीरो टालरेंस के दायरे में कुछ और नेता व चेहरे भविष्य में भाजपा के दायरे में आयें तो कोई आश्चर्य नहीं.
4. महिलाओं में वोट आधार व स्वीकार्यता बनाना. सरकार ने हाल में महिलाओं के लिए एक रुपये में 50 लाख रुपये तक की संपत्ति की रजिस्ट्री का प्रावधान किया है. महिलाओं को संपत्ति का हक मिलना बड़ी बात है. महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिएभी सरकारकई माध्यमों से प्रयासकर रही है.अगरशराबबंदीकेदिशा में राज्य बढ़ेगा तो महिलाओं में पार्टी की स्वीकार्यता बढ़ाने में मददमिलेगी.
5. सरकार ने गौ हत्या पर पूर्ण प्रतिबंध की बात कही है और अफसरों को सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने प्रदेश कार्यकारिणी में भी इस मुद्दे पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि गौ हत्या से संबंधित कानून को सख्ती से पालन किया जाये. गौ हत्या राजनीति के विमर्श का आज अहम बिंदु है और सरकार इसको लेकर बेहद सख्त व गंभीर है.
6. पार्टी प्रवक्ता जेबी तुबिद ने कहा है कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि शराबबंदी के पक्ष में हैं, किंतु यह धीरे-धीरे चरणबद्ध क्रम में होगा. यह एक अहम बात है. सरकार के द्वारा अपने कॉरपोरेशन के माध्यम से शराब बेचने का फैसले पर सरकार के अंदर ही विरोध शुरू हो गया था. सरयू राय जैसेवरिष्ठ मंत्री ने भी इसका विरोध किया. भाजपा नेता व केंद्रीय मंत्री सुदर्शन भगत ने भी इसका विरोध किया है. पड़ोसी राज्य बिहार में पूर्ण शराबबंदी है और वहां की मुख्य सत्ताधारी पार्टी जदयू व उसके नेता व सीएम नीतीश कुमार अब भाजपा के सहयोगी हैं, ऐसे में शराबबंदी की दिशा में झारखंड भी कदम बढ़ा सकता है.
7. परिवारवार पर हमला जारी रहेगा और स्थिरता का हवाला देकर पार्टी आधार बढ़ायेगी. भाजपा कार्यकारिणी में कहा गया कि दिल्ली में मां-बेटे व राज्य में बाप-बेटे का राजनीतिक अंत होगा. सरकार अपने 1000 दिन के कामकाज को बड़े आयोजन में तब्दील करने जा रही है. वह स्थिरता का हवाला देकर लोगों का विश्वास हासिल करने की कोशिश करेगी.
8. कार्यकर्ताओं के अनुशासन पर कार्यकारिणी में जोर दिया गया. कहा गया कि भाजपा कार्यकर्ता अपने आचार-व्यवहार में दूसरों से अलग दिखें.
9. किसानों के बीच भाजपा आधार बढ़ाना चाहती है. सरकार ने अलग कृषि बजट की भी व्यवस्था की है. मुख्यमंत्री ने कार्यकारिणी में गरीब किसानों को मुफ्त ट्रैक्टर देने की बात कही है. कहा गया है कि गरीब किसानों के अंत्योदय को ध्यान में रख कर सरकार कदम उठायेगी.
10. प्रदेश कार्यकारिणी में रघुवर दास व अर्जुन मुंडा जम कर बोले. सीएनटी-एसपीटी एक्टमें संशोधन को मतभेद के बीच उसे वापस लिया जा चुका है. अगस्त के मध्य में राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह तीन दिन के दौरे पर आने वाले हैं. 2019 को चुनाव करीब आता जा रहा है. ऐसे में प्रदेश भाजपा भी एकजुटता का संकेत दे रही है.