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जेपीएससी ने जबरन नंबर बढ़ा कर बनाया इंजीनियर

रांची : झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) के तत्कालीन अधिकारियों ने सुनियोजित साजिश रच कर फेल हो चुके 15 अभ्यर्थियों को इंजीनियर के रूप में नियुक्त कराया. सीबीआइ जांच में इस बात की पुष्टि हुई है कि इन्हें इंटरव्यू में छह से 30 नंबर तक बढ़ा कर पास कराने के बाद सरकार से नियुक्ति की […]

रांची : झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) के तत्कालीन अधिकारियों ने सुनियोजित साजिश रच कर फेल हो चुके 15 अभ्यर्थियों को इंजीनियर के रूप में नियुक्त कराया. सीबीआइ जांच में इस बात की पुष्टि हुई है कि इन्हें इंटरव्यू में छह से 30 नंबर तक बढ़ा कर पास कराने के बाद सरकार से नियुक्ति की अनुशंसा की गयी.

सीबीआइ ने जांच में यह पाया कि नियुक्ति घोटाले से लाभान्वित होनेवाले सभी 15 इंजीनियर फिलहाल महत्वपूर्ण विभागों में पदस्थापित हैं. इसमें भवन निर्माण, ग्रामीण विकास, सिंचाई, पेयजल, स्वर्णरेखा बहुद्देशीय परियोजना, पथ निर्माण विभाग शामिल हैं. जांच रिपोर्ट के अनुसार नंबर बढ़ा कर सफल घोषित किये गये इन इंजीनियरों में छह एसटी, तीन एससी, दो ओबीसी और चार अनारक्षित वर्ग के हैं.

जांच रिपोर्ट के अनुसार जेपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष दिलीप प्रसाद, सदस्य गोपाल प्रसाद और राधा गोविंद नागेश ने साजिश रच कर सहायक अभियंता पद पर नियुक्त कराने के लिए रवींद्र खलखो और राजीव रंजन को इंटरव्यू में मिले वास्तविक नंबर में 10 नंबर बढ़ाया. मनी राम मुंडा के इंटरव्यू के वास्तविक नंबर में 16 नंबर बढ़ाया गया. कनीय अभियंता के पद नियुक्त कराने के लिए बसंत मंडल, अमित कुमार सिंह, चंदन कुमार, धनकेश्वर नायक और राजेंद्र मुंडा को इंटरव्यू में मिले वास्तविक नंबर में छह-छह नंबर बढ़ाया गया. विक्रम दास और धनंजय को पास कराने के लिए 10-10 नंबर बढ़ाया गया. सुजीत को पास कराने के लिए आठ, विनोद कुमार तिग्गा के लिए 16 और वीरेंद्र करमाली के लिए 16 नंबर बढ़ाया. जेपीएससी के तत्कालीन पदाधिकारियों से सबसे अधिक मनोज कुमार का नंबर बढाया गया. मनोज कुमार को इंटरव्यू में 10 नंबर मिला था, उसे बढ़ा कर 40 कर दिया गया.

सीबीआइ की जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि मनपसंद अभ्यर्थियों को पास कराने के लिए आयोग के इन पदाधिकारियों ने इंटरव्यू बोर्ड के विशेषज्ञों से मार्क शीट पर सिर्फ कुल अंक लिख कर दस्तखत कराया. मार्क शीट के बाकी कॉलम को खाली रखवाया. बाद में खाली कॉलम को भरा और पहले से लिए गये कुल अंक को काट कर फिर अंक बढ़ाया गया. गुजरात के विधि विज्ञान प्रयोगशाला ने पहले लिखे अंकों को काट कर इन पदाधिकारियों की लिखावट में नंबर लिखे जाने की पुष्टि की है.
वास्तविक व साजिश कर बढ़ाये गये नंबर का ब्योरा
लिखित इंटरव्यू कुल कट ऑफ बढ़ा नंबर नाम
280 55 335 342 345 रवींद्र कुमार खलखो (एसटी)
276 50 326 342 342 मना राम मुंडा (एसटी)
316 45 361 371 371 राजीव रंजन (एससी)
196 23 219 228 229 विक्रम दास (एससी)
210 30 240 244 246 बसंत कुमार मंडल (ओबीसी)
176 40 216 216 222 अमित कुमार सिंह (सामान्य)
174 40 214 216 220 चंदन कुमार (सामान्य)
198 32 230 235 240 धनंजय कुमार (सामान्य)
168 30 198 200 204 धनकेश्वर नायक (एससी)
232 10 242 249 272 मनोज कुमार सिंह (सामान्य)
146 25 171 176 191 संजय कुमार मुंडा (एसटी)
158 20 178 184 184 राजेंद्र मुंडा (एसटी)
146 20 166 192 192 वीरेंद्र करमाली (एसटी)
170 20 190 199 206 विनोद कुमार तिग्गा (एसटी)
206 30 236 244 244 सुजीत कुमार सिंह (ओबीसी)

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